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उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में अब बनेंगे GIS तकनीक पर आधारित सब स्टेशन

उत्तर प्रदेश, नोएडा: -पुराने सबस्टेशन के साथ 33 और 11 KV लाइनों को भी किया जाएगा अंडरग्राउंड

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा में 220/132/33 के बनने वाले सभी सब स्टेशन अब गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन (जीआईएस) बेस्ड SCADA सिस्टम सहित किया जाए। इससे सब स्टेशन के निर्माण महज 500 मीटर में किया जा सकेगा। इससे जमीन की बचत होगी।

विद्युत फाल्ट में कमी आएगी और ये अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य कर सकेंगे। मुंबई में अडाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (AEML)ने इसी तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाए है। जिनकी विजिट करने के बाद यहां प्राधिकरण अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन किया।
प्रजेंटेशन प्राधिकरण के CEO के सामने किया गया। इस दौरान बताया गया कि इसी पद्धति पर 33 और 11 केवी के ऊपरी लाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर को आवश्यकतानुसार चरणबद्ध रूप से एक साल में भूमिगत करने का निर्देश दिया गया। जिससे फाल्ट में कमी आएगी। वहीं विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए डबल पोल स्ट्रक्चर के स्थान पर रिंग मेन यूनिट (आरएमयू) एंड स्ट्रेट थ्रो जाइंट का प्रयोग किया जाएगा।

गैस इंसुलेटेड सब स्टेशन के फायदा

वर्टिकल सबस्टेशन पारंपरिक सबस्टेशनों की तुलना में कम जगह में स्थापित किए जा सकते हैं। ये नोएडा जैसे शहर के लिए बेहतर विकल्प है।
जीआईएस तकनीक धूल, नमी और अन्य पर्यावरणीय कारकों से बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है। जिससे सबस्टेशन की विश्वसनीयता बढ़ जाती है।
जीआईएस सबस्टेशन अधिक सुरक्षित होते हैं क्योंकि विद्युत उपकरण बंद कंटेनरों में होते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कम हो जाता है।
जीआईएस सबस्टेशन को कम रखरखाव की आवश्यकता होती है क्योंकि उपकरण धूल और नमी से सुरक्षित रहते हैं।

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