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Delhi : कहीं उड़ीसा के संबल और बंगाल के पुरुलिया जेल से तो नही रची गई चंदन मिश्रा हत्याकांड की साजिस

Asansol News : (अमर देव पासवान) पटना के पारस अस्पताल में हुई कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की हत्या की घटना को पांच शूटरों ने खुलेआम दे दिया, पटना के पारस अस्पताल मे हुई इस हत्याकांड ने पूरे देश के अपराध जगत को हिला कर रख दिया है, अस्पताल के सिसिटीवी कैमरे मे कैद तस्वीरों से यह साफ पता चलता है की अपराधी बेखौफ होकर बिना अपनी पहचान छुपाए बेहद फ़िल्मी स्टाईल मे अपराध को अंजाम देने जा रहे हैं, मानो वह इस हत्याकांड के जरिये वह अपराध की दुनिया मे एक मैसेज फैलाना चाह रहे हों की बिहार मे एक नए गैंग की शुरुआत हो गई है, जिसका लीडर तौफिक उर्फ़ बादशाह है और उस गैंग के सामने कोई और गैंग कुछ भी नही जो भी उनके सामने आएगा उसका हश्र चंदन मिश्रा की तरह हो जाएगा,
इसी बिच एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन के द्वारा शुक्रवार को इस मामले में कहा गया कि चंदन की हत्या शेरू सिंह के गुर्गों के द्वारा की गई है. शेरू सिंह फिलहाल पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद है, चंदन मिश्रा हत्याकांड मामले मे जैसे ही शेरू सिंह का नाम सामने आया तो उसका इसारा सीधे तौर पर देश के सबसे बड़े गोल्ड लुटेरे सुबोध सिंह के तरफ हुआ वह इस लिये की शेरू सुबोध सिंह का सागिर्द है, शेरू एक समय चंदन के साथ मिलकर अपराध जरूर करता था, पर वह सुबोध सिंह का सागिर्द भी था, बीते कुछ साल पहले चंदन और शेरू के बिच एक हत्या के मामले को लेकर दुश्मनी हो गई. उसके बाद से शेरू सिंह और चंदन मिश्रा के बिच दुश्मनी हो गई, दोनों अलग -अलग मामले मे भले ही अलग -अलग जेल मे बंद थे और सजा काट रहे थे, पर दोनों एक दूसरे की हर हरकत पर नजर रखते थे, साथ ही एक दूसरे की खोज खबर भी रखते थे, उसी खोज खबर के दौरान पुरुलिया जेल मे बंद शेरू को यह खबर मिली थी की चंदन पटना के पारस अस्पताल मे इलाज के लिये भर्ती हुआ है और वह खबर सीधे उड़ीसा के संबल जेल मे बंद सुबोध सिंह तक पहुँची और फिर बिहार के अपराध जगत से हमेशा -हमेशा के लिये चंदन मिश्रा का नामो निशान मिटाने के लिये रची गई दोनों जेलों से साजिस दी गई तौफिक उर्फ़ बादशाह को हरी झंडी और फिर पटना के पारस अस्पताल मे चंदन मिश्रा को गोलियों से भूनकर दीनदहाड़े उतार दिया गया मौत के घाट, चंदन मिश्रा हत्याकांड मे शेरू के अलावा सुबोध की भी है अहम भूमिका, सुबोध का आसनसोल मे घटी मुत्थुज फाइनेंस….रानीगंज के सेनको गोल्ड में लूट में आया है उसका नाम….
आमतौर पर रक्त बहाने से बचता रहा है इसका गिरोह…लेकिन पहली बार गिरोह ने किया दहला देनेवाला शूटआउट

…अलर्ट पर है आसनसोल पुलिस, बैरकपुर पुलिस, हावड़ा पुलिस…
आसनसोल, रानीगंज, बैरकपुर, नौर्थ बंगाल रहे हैं गोल्ड लुटेरे सुबोध सिंह के कार्यस्थल….पिछले वर्ष सीआईडी ने उसे पेश किया था आसनसोल जिला कोर्ट में….पटना के बेलूर जेल से ले आई थी ट्रांजिट रिमांड पर….उसके बाद उसे ले गई बैरकपुर कमिश्नरेट पुलिस…इस समय वह है उड़ीसा से संबलपुर जेल में…चंदन मिश्रा हत्याकांड में नाम आया है सुबोध के शागिर्द शेरू सिंह उर्फ ओंकार नाथ सिंह का…वह बंद है पुरुलिया जेल में….सोना लुटने का है आरोप…आम तौर पर सुबोध सिंह गिरोह कतराता है खून बहाने से…लेकिन चंदन मिश्रा हत्याकांड ने बदल दी है दिशा…यही मुख्य कारण है पुलिसिया परेशानी का…बिहार के किडनैपरों ने 90 के दशक में बनाया था आसनसोल कोयलांचल को अपना निशाना…तो क्या आनेवाले समय में सुबोध सिंह बन सकता है बड़ी चुनौती…आज चर्चा करते हैं पूरे नेटवर्क के विभिन्न पहलुओं की…समझने की कोशिश करते हैं अपराधियों के बीच बनते-बिगड़ते समीकरणों की, संबंधों की…करते हैं पड़ताल उन आशंकाओं की भी…जो भविष्य में कोयलांचल के लिए साबित हो सकते हैं सरदर्द…
पहले थोड़ी चर्चा चंदन मिश्रा हत्याकांड…दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज थे चंदन के खिलाफ…एक मामले में आजीवन कारावास की मिली थी सजा…बवासीर का इलाज कराने के नाम पर मिली थी पेरोल 15 दिनों की…18 जुलाई को लौटना था जेल में….पटना के बड़े पारस अस्पताल में इलाज के लिए हुआ था दाखिल…17 जुलाई की सुबह साढ़े सात बजे 6 शूटरों के गिरोह ने दिया हत्याकांड को अंजाम….अस्पताल के आईसीयू में घुस कर 5 शूटरों ने बरसाई 40 से अधिक गोलियां…
कमरे में मौजूद दो व्यक्तियों की बख्श दी गई जान….हत्याकांड के वीडियो में हलचल मचा दी पूरे देश के आपराधिक जगत में…लीड किया इसे पटना के निकटवर्ती फुलवारीशरीफ के शूटर तौसिफ रजा उर्फ बादशाह ने….पुलिस ने किया है दावा उसकी गिरफ्तारी का….अन्य शूटरों में थे आकिब मल्लिक, सोनू…मुस्तकीम उर्फ कालू…बलवंत सिंह उर्फ भिंडी

….तौसिफ है उभरता हुआ शूटर…फुलवारीशरीफ में जुड़ा है जमीन के कारोबार से भी…पिता है हार्डवेयर व्यवसायी, मां शिक्षिका…पटना के बड़े स्कूल सेंट कैरेंस स्कूल से की है पढ़ाई….जुड़ा है सुबोध सिंह के शागिर्द शेरू सिंह उर्फ ओंकार नाथ सिंह से…हत्याकांड ने याद दिला दी 12 सिंतबर, 1992 को मुंबई के जेजे अस्पताल में हुई हत्याकांड की….उसे अंजाम दिया था यूपी के शूटर ब्रजेश सिंह ने…सुपारी दी थी भारत का सबसे बड़े मोस्ट वांटेड दाउद इब्राहिम ने….उसके बहनोई इब्राहिम पारकर की हत्या कराई थी उसके सहयोगी रहे गैंगस्टर अरुण गवली ने…शूटर शैलेज हल्दांकर पुलिस निगरानी में दाखिल था जेजे अस्पताल में…कड़ी थी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था….ब्रजेश को चमकना था अपराध जगत में…पहली बार मुंबई में हुआ एके 47 का उपयोग…सुबह तीन बज कर 20 मिनट पर अंजाम दिया गया ऑपरेशन को….शैलेज सहित मारे गये थे तीन पुलिसकर्मी भी…ब्रजेश के नेतृत्व में सभी शूटर निकल भागे थे सुरक्षित…तौसिफ रजा पसंद करता है खुद को बादशाह कहलाना…फिल्म अभिनेता शाहरूख खान ने बादशाह फिल्म में निभाया था यह किरदार

…..यही कारण है कि हत्याकांड में अलग ही दिखता है उसका बॉडी लैंग्वेज…लगता ही नहीं कि हत्याकांड को देने जा रहा है अंजाम…लगता है चहलकदमी कर रहा है अपने घर के लॉन में…हत्याकांड को अंजाम देने के समय नहीं की है कोशिश अपनी पहचान छिपाने की…दरअसल वह खुद चाहता था कि उसकी हो पहचान…जाने उसे देश का पूरा अपराध जगत

…ताकि मजबूत हो सके उसके नाम का ब्रांड…हत्याकांड को अंजाम देने के बाद भी पूरे अराम से निकलता है आईसीयू से…जबकि उसके साथी भागते हैं तेजी से…घटना के बाद अस्पताल पहुंचते हैं सांसद पप्पू यादव…पुलिस से पहले करते हैं खुलासा….हत्याकांड को अंजाम दिया है सुबोध सिंह ने…बक्सर के शेरू सिंह ने…उसके बाद पुलिस जांच बढ़ाती है उसी दिशा में….
अस्पताल परिसर में सांसद पप्पू यादव करते हैं घोषणा….हत्याकांड के बाद शूटरों ने दी है उन्हें धमकी…न अड़ाये इस हत्याकांड में अपनी टांग…सांसद पप्पू यादव देते हैं चुनौती…आ गये यदि वे अपने आप पर…तो चकनाचूर कर देंगे अपराधियों का साम्राज्य…सुबोध सिंह, शेरू सिंह का लेते हैं नाम…डीजीपी को देते हैं सीधी, खुलेआम चुनौती…तो कौन है सुबोध सिंह, शेरू सिंह?….क्या है चंदन शर्मा से उनका रिश्ता? देश का सबसे बड़ा गोल्ड लुटेरा है सुबोध सिंह….एक दर्जन से अधिक राज्यों की पुलिस कर रही उसकी तलाश

….बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश…..महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्ताराखंड, दिल्ली, तमिलनाडू में है उसके अपराधों के केंद्र….निशाने पर होते हैं मुत्थुज फाइनेंस, मनपुरम गोल्ड लोन, तनिष्क जैसे कई गोल्ड शोरूम….करीब 400 किलो सोने की कर चुका है लूट….200 से अधिक कुख्यात अपराधी शामिल हैं उसकी कंपनी में…जेल में बंद रह कर भी चलाता है ऑपरेशन… इंटरनेट प्रोटोकॉल यानी VOIP पर जारी होते हैं उसके निर्देश…मोबाइल फोन पर फेसटाइम पर होती है बातचीत…इसे ट्रेस करना पुलिस के लिए होता है नामुमकिन…कोई भी राज्य पुलिस नहीं रखना चाहती अपने जेल में…क्योंकि वहीं जेल बन जाता है उसके ऑपरेशन का सेंटर…इस समय है संबलपुर जेल में….बिहार के नालंदा जिले के चांदी थाना के चिश्तीपुर गांव का है निवासी…पिता ईश्वरी सिंह हैं किसान…12वीं तक की है पढ़ाई….शेरू सिंह उर्फ ओंकार नाथ सिंह है उसके गिरोह का मजबूत साथी….वह है बक्सर जिला के सिमरी का निवासी…बगल के गांव सोनबरसा का निवासी था चंदन मिश्रा…बचपन से ही थी शेरू, चंदन में थी दोस्ती….आधार बना था क्रिकेट का खेल…खेल के दौरान ही हुआ था अनिल सिंह से विवाद…शेरू, चंदन ने कर दी थी उसकी हत्या….नाबालिग होने के कारण दोनों भेजे गये बाल सुधार गृह…जल्दी ही निकल आये दोनों वहां से…लेकिन वह मानसिक रूप से सुधरने के जगह बन चुके थे पूर्ण रूप से दोनों अपराधी….लिया था निर्णय…अपराध जगत पर करना है शासन…शुरूआत हुई रंगदारी से….आतंक जमाने के लिए करनी शुरू की हत्या….दोनों एक साथ ही देते थे ऑपरेशन को अंजाम….छह माह में 6 हत्याओं को दिया अंजाम….जिसमें शामिल था दोहरा हत्याकांड भी….बक्सर से शाहाबाद तक कंपकंपा देता था उनका आतंक… व्यवसायी राजेन्द्र केसरी हत्याकांड में हुई दोनों की गिरफ्तारी….पहले शेरू को मिली फांसी की सजा…बाद में चंदन मिश्रा की तरह मिला आजीवन कारावास…बिहार के विभिन्न जिलों में रखा गया उन्हें….भागलपुर जेल में रहते समय वर्चस्व को लेकर शुरू हुआ उनका विवाद…शेरू जुड़ चुका था सुबोध सिंह के गिरोह से…चंदन था स्वतंत्र रहने का हिमायती…यहीं से शुरू हुई दुश्मनी….बक्सर के जमीन को लेकर भी था उनके बीच विवाद…लेकिन दोनों के करीबियों के तार जुड़े थे एक-दूसरे से…इस कारण सूचनाएं मिलती रहती थी एक-दूसरे की…इसी सूत्र के हवाले से मिली थी सूचना…चंदन दाखिल है पारस अस्पताल में….शेरू सिंह बंद है पुरुलिया जेल में….उसने सूचना दी सुबोध सिंह को…यदि चंदन का नहीं हुआ सफाया…तो बन सकता है भविष्य में बड़ा खतरा…सुबोध सिंह ने दे दी हरी झंड़ी….शेरू ने दे दी सुपारी उभरते शूटर तौसिफ रजा उर्फ बादशाह को…सफलता से हो गया सफाया चंदन मिश्रा का सांसद पप्पू सिंह के खुलासे से अलर्ट में है कई राज्यों की पुलिस…भले ही यह गैंगवार सिमटा दिख रहा है पटना या बिहार तक….लेकिन सुबोध सिंह है बंगाल की सीमा पर…शेरू सिंह बंद है पुरुलिया जेल में…कभी भी इस इलाके में हो सकती है इस तरह की घटनाएं….आगामी वर्ष होने हैं बंगाल विधानसभा चुनाव…पुलिस अपराध, हिंसा को लेकर पहले से हैं हाई अलर्ट पर…इस घटना से बढ़ा दी है और अधिक सतर्कता….

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