दिल्ली

Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ कार्यक्रम में दी अधिवक्ताओं को जिम्मेदारी, बताया समय की सबसे बड़ी जरूरत

Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ कार्यक्रम में दी अधिवक्ताओं को जिम्मेदारी, बताया समय की सबसे बड़ी जरूरत

रिपोर्ट: रवि डालमिया

पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर स्थित गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ ईस्ट दिल्ली कैंपस में आज ‘LAWYERS FOR ONE NATION ONE ELECTION’ विषय पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। दीप प्रज्वलित कर उन्होंने कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री रोहित चहल, दिल्ली के विभिन्न कोर्टों की बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिवक्तागण और सैकड़ों वकील उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को समय की सबसे बड़ी जरूरत करार दिया। उन्होंने कहा कि देश में बार-बार होने वाले चुनावों का खर्च लगातार बढ़ रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि 1992 में लोकसभा चुनाव में मात्र 10 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि आज यह खर्च बढ़कर 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जो कि जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा है। इस खर्च को बचाकर देश के विकास और जनकल्याण में लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं।

सीएम रेखा गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने भारत को एक नई दिशा दी है। उन्होंने अंग्रेजों के बनाए कानून आई.पी.सी. को समाप्त कर भारतीय न्याय प्रणाली के अनुरूप बी.एन.एस. कानून लागू किया है, जो न्याय और दंड के बीच संतुलन स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना अधिवक्ताओं की विशेष जिम्मेदारी है, क्योंकि वही संविधान और व्यवस्था के सच्चे प्रतिनिधि हैं।

रेखा गुप्ता ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि 2020 से लेकर 2025 तक वह चार बार चुनाव लड़ चुकी हैं, जबकि यदि एक ही चुनाव प्रणाली होती तो केवल एक बार ही चुनाव लड़ना होता। उन्होंने कहा कि जब भी सरकार कोई जनहितकारी निर्णय लेती है तो विपक्ष उसे चुनावी स्टंट बता देता है। यदि एक साथ चुनाव होंगे तो राजनीति में शोर कम होगा और विकास की रफ्तार तेज होगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री देश के सच्चे अभिभावक की भूमिका निभा रहे हैं और उनकी सोच ज़मीन से जुड़ी है, जो हर वर्ग के लिए कल्याणकारी है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल ने अपने भाषण में ऐतिहासिक सन्दर्भ देते हुए बताया कि 1967 से पहले तक देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे। लेकिन इंदिरा गांधी के कार्यकाल में यह व्यवस्था टूटी और देश में चुनावों का सिलसिला अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर शुरू हो गया, जिससे देश पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता गया। उन्होंने कहा कि जैसे समय-समय पर कानून, शिक्षा, मतदाता आयु और चुनाव प्रणाली में सुधार होते आए हैं, वैसे ही अब चुनावों में भी सुधार की आवश्यकता है, और इसका एकमात्र समाधान ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ है।

कार्यक्रम में इंद्रप्रस्थ लॉयर्स फोरम के अध्यक्ष ऐडवोकेट मोहित नागर, महामंत्री सुमित वर्मा, ईशु त्यागी, मीडिया कोऑर्डिनेटर एडवोकेट जसप्रीत माटा, नवदीप चौधरी समेत कई अधिवक्ताओं ने मंच संचालन और आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल सोनी और नीरज जैसे कई प्रतिष्ठित अधिवक्ताओं ने मंच से ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ को देश के लिए उपयोगी पहल बताया और इसे जन जागरूकता अभियान में बदलने का आह्वान किया।

भारत और पाकिस्तान टी20 विश्व कप 2024 में दो बार आमने-सामने हो सकते हैं। जानिए कैसे

Related Articles

Back to top button