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दर्द से परेशान महिला के नितंब से निकली सुईं 

-अचानक फिसलकर बिस्तर पर गिरने के चलते महिला के शरीर में धंसकर टूट गई थी सुईं

नई दिल्ली, 27 मई : यदि आप अपने घर के कटे, फटे और उधड़े हुए कपड़े स्वयं सिलते हैं और सिलाई के दौरान कोई काम याद आने पर कपड़े सिलने वाली सुईं को यहां- वहां (बिस्तर, सोफे या तकिये में) धंसा देते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। दरअसल, एक महिला माया को नितंब में असहनीय दर्द के कारण सर गंगाराम अस्पताल में लाया गया था। डॉक्टरों ने जांच में पाया कि उसके नितंब की मांसपेशियों में काफी अंदर एक सुईं फंसी हुई है जिसे सर्जरी के जरिये ही निकाला जा सकता है। लेकिन सुईं ऐसी जगह फंसी है जहां सर्जरी करना जटिल और चुनौतीपूर्ण है।

लिहाजा, अस्पताल के जनरल सर्जरी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. तरुण मित्तल ने जटिल सर्जरी को अंजाम देने का फैसला किया। उन्होंने महिला की गहन चिकित्सकीय जांच के बाद एक्स-रे और सीटी स्कैन इमेजिंग की और सर्जरी करने की सावधानीपूर्वक योजना बनाई। सर्जरी के लिए विशेष रूप से एक सी-आर्म मशीन का इस्तेमाल किया गया जो एक्स-रे तकनीक पर आधारित एक उन्नत चिकित्सा इमेजिंग उपकरण था। महिला के शरीर में सुईं का सटीक पता लगाने के लिए ऑपरेशन के दौरान भी कई एक्स-रे लेने पड़े और आखिरकार डॉ. तरूण मित्तल, डॉ. आशीष डे, डॉ. अनमोल आहूजा, डॉ. तनुश्री और डॉ. कार्तिक की सर्जरी टीम सुई को ढूंढने और उसे बिना तोड़े एक टुकड़े में शरीर से बाहर निकालने में सफल रही।

क्या था मामला ?
करीब 3 साल पहले एक दोपहर माया नाम की महिला कपड़े सिलने में बहुत तल्लीन थी, उसने एक पल के लिए अपनी सुई बिस्तर पर रख दी। अचानक वह कुछ और काम करने के लिए खड़ी हुई, और फिर वह अचानक फिसल कर बिस्तर पर वापस गिर गई। उसे तेज दर्द के साथ कुछ गड़बड़ी होने का अंदेशा महसूस हुआ। उसने देखा सुई का आधा हिस्सा तो टूटकर बिस्तर पर पड़ा था लेकिन बाकी आधा हिस्सा कहीं नहीं दिख रहा था। माया ने सुई के लापता टुकड़े की तलाश की. मगर नहीं मिला। इसके बाद उसे लगातार अपने नितंब में असुविधा महसूस होती थी, जो बढ़ती जा रही थी। जब दर्द असहनीय हो गया तो उसने इलाज कराने का फैसला किया। उसने कई डॉक्टरों को दिखाया जो उसे दर्द निवारक दवाएं देते रहे। आख़िरकार एक डॉक्टर ने उसे एक्स-रे कराने का सुझाव दिया जिससे सामने आया कि सुईं का खोया हुआ टुकड़ा उसके नितंब की मांसपेशियों में गहराई तक धंसा हुआ है। यह असाधारण कहानी यह सीख देती है कि असामान्य चोटों के लिए हमेशा समय पर चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए और लगातार असुविधा को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

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