दाखिले नहीं हुए, फीस प्रतिपूर्ति का डाटा शुरू
दाखिले नहीं हुए, फीस प्रतिपूर्ति का डाटा शुरू
अमर सैनी
नोएडा। बेसिक शिक्षा विभाग ने निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का डाटा मांगा है। विद्यार्थियों के डाटा के आधार पर निजी स्कूलों को दी जाने वाली फीस और अध्ययन सामग्री खरीदने के लिए धनराशि भेजी जाएगी। डाटा भेजने के लिए आठ दिन शेष रह गए हैं। खास बात यह है कि पांच माह बीत जाने के बाद भी दाखिले पूरे नहीं हो पाए हैं और फीस प्रतिपूर्ति की तैयारी शुरू हो गई है। जिले में अभी तक करीब 2600 विद्यार्थियों के ही दाखिले हो पाए हैं। निजी स्कूल आरटीई के तहत दाखिले लेने से कतरा रहे हैं।
आरटीई के तहत शत-प्रतिशत दाखिले कराने के लिए पहली बार विभाग की ओर से जनवरी से आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। पहली लॉटरी फरवरी में निकाली गई थी। चारों लॉटरी में जिले के निजी स्कूलों में 5061 सीटें आवंटित की गई थीं। पांच माह हो गए हैं, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग सभी सीटें नहीं भर पाया है। विभाग ने सभी विद्यार्थियों का डाटा मांगा है। इसके आधार पर उनकी फीस और अध्ययन सामग्री का पैसा भेजा जाएगा, लेकिन अभी भी 2461 छात्रों के अभिभावक दाखिला न होने के कारण निजी स्कूलों और विभाग के दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। विभाग बच्चों की फीस और अध्ययन सामग्री का डाटा भेज रहा है। जिसे 25 अगस्त तक लखनऊ भेजना है। विभाग ने सूची बनानी भी शुरू कर दी है। आरटीई के तहत हर साल निजी स्कूलों में सीट आवंटित होने वाले छात्रों की फीस और किताब-कॉपियों का खर्च सरकार उठाती है। हर साल बच्चों की संख्या के हिसाब से फीस दी जाती है। इसके साथ ही छात्रों की कॉपी, किताब, स्टेशनरी का सामान, ड्रेस और जूते आदि के लिए 5000 रुपये प्रति छात्र की दर से पैसा भेजा जाता है। फीस का भुगतान विभाग के खाते में होता है। जिससे स्कूलों को छात्रों की संख्या के हिसाब से पैसा दिया जाता है। जबकि अध्ययन सामग्री का पैसा सभी छात्रों के अभिभावकों के खाते में जाता है।
कोट
विभाग ने आरटीई के तहत दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या का डाटा मांगा है। इस डेटा के आधार पर निजी स्कूलों की फीस और अध्ययन सामग्री खरीदने के लिए छात्रों को पैसे भेजे जाएंगे, जो 25 अगस्त तक भेजने होंगे। वहीं, बाद में दाखिला लेने वाले छात्रों का डेटा बाद में भेजा जाएगा।
– राहुल पंवार, बेसिक शिक्षा अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर