भारत

CJI Chandrachud के पास बेंच पर 5 दिन: सुनाएंगे 5 बड़े फैसले

CJI Chandrachud के पास बेंच पर 5 दिन: सुनाएंगे 5 बड़े फैसले

CJI Chandrachud: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डॉ. धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है। CJI Chandrachud ने अपने दो साल के कार्यकाल में भारतीय न्यायपालिका में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। उन्होंने न्यायालयों को नागरिक-केंद्रित बनाने और तकनीकी सुधारों को अपनाने में उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। उनके नेतृत्व में, भारतीय न्यायपालिका ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं, जिनका प्रभाव समाज के विभिन्न वर्गों पर पड़ा है।

CJI Chandrachud के पास अभी केवल पांच कार्य दिवस बचे हैं, जिनमें वे कुछ प्रमुख मामलों के फैसले सुनाने वाले हैं। ये फैसले न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज में उनकी गहरी छाप भी पड़ेगी।

1. मदरसा शिक्षा की वैधता

मदरसा शिक्षा की वैधता पर एक महत्वपूर्ण फैसला जल्द ही आने वाला है। यह मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को रद्द करने को चुनौती देने वाले मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा दायर की गई अपीलों से संबंधित है। 23 अक्टूबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा गया था। CJI Chandrachud की अगुवाई वाली पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब है “जियो और जीने दो”। उन्होंने कहा कि धार्मिक शिक्षा का समावेश आवश्यक है, और राज्य मदरसों के कामकाज को विनियमित कर सकता है, लेकिन उन्हें खारिज नहीं किया जा सकता है।

2. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का अल्पसंख्यक दर्जा

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा देने का मामला भी महत्वपूर्ण है। यह मामला संविधान पीठ द्वारा सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा गया था। एएमयू को पहले के एक निर्णय में राष्ट्रीय महत्व का केंद्रीय विश्वविद्यालय माना गया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि एएमयू किसी विशेष धर्म से संबंधित नहीं है और इसे अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता। इस मामले का फैसला भी आने वाले दिनों में सुनाया जाएगा और यह विश्वविद्यालयों के अल्पसंख्यक दर्जे पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।

3. संपत्ति का पुनर्वितरण CJI Chandrachud

संपत्ति के पुनर्वितरण पर एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की पीठ विचार कर रही है। इस मुद्दे का आधार संविधान के अनुच्छेद 39(बी) की व्याख्या है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि क्या सरकार को व्यापक सार्वजनिक हित के नाम पर निजी संपत्तियों को पुनर्वितरित करने का अधिकार है। यह मामला तब उठाया गया जब राजनीतिक विवाद चल रहा था और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता में आने पर संपत्ति के वितरण का आश्वासन दिया। इस मुद्दे पर निर्णय भी CJI Chandrachud के कार्यकाल के अंतिम दिनों में सुनाया जा सकता है।

4. दिल्ली रिज ट्री फेलिंग विवाद

दिल्ली के रिज क्षेत्र में पेड़ों की अवैध कटाई से संबंधित विवाद भी सीजेआई चंद्रचूड़ के सामने है। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध आदेश का उल्लंघन करते हुए पेड़ों की कटाई की गई थी, जिसके बारे में एलजी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। इस मामले में सीजेआई चंद्रचूड़ ने स्पष्टता मांगी है कि जब पेड़ काटे गए थे, तो उन्हें कब इस बारे में जानकारी मिली थी। यह मामला पर्यावरण के संरक्षण और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के महत्व को उजागर करता है।

5. LMV लाइसेंस का दायरा

लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस के दायरे को लेकर भी एक महत्वपूर्ण मामला है। इस मामले में यह तय किया जा रहा है कि क्या LMV लाइसेंस धारक भारी लाइट मोटर वाहनों को चला सकता है। यह कानूनी सवाल बीमा कंपनियों द्वारा किए गए दावों से संबंधित है, जहां उन्होंने कहा कि न्यायालयें LMV ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में उनकी आपत्तियों की अनदेखी कर रही हैं। इस मुद्दे पर भी सीजेआई चंद्रचूड़ के अंतिम कार्य दिवसों में निर्णय सुनाया जा सकता है।

निष्कर्ष

CJI Chandrachud  का कार्यकाल भारतीय न्यायपालिका के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। उनके द्वारा किए गए सुधार और दिए गए ऐतिहासिक फैसले न केवल कानून और व्यवस्था के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे समाज में समावेशिता और समानता को बढ़ावा देने में भी सहायक रहे हैं। उनके पास अब केवल पांच दिन हैं, लेकिन ये दिन उनके कार्यकाल की गरिमा को बढ़ाने वाले फैसलों का गवाह बन सकते हैं।

सीजेआई चंद्रचूड़ के इन पांच बड़े फैसलों का न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक प्रभाव भी पड़ेगा। उनके कार्यकाल का समापन ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत में न्यायपालिका की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है। समाज में परिवर्तन लाने के लिए न्यायपालिका की सक्रियता और समझदारी आवश्यक है, और CJI चंद्रचूड़ ने इसे सिद्ध किया है।

 

Read More: Happy Dhanteras 2024 Wishes: आज है धनत्रयोदशी, दोस्तों और रिश्तेदारों को भेजें धनतेरस की शुभकामनाएं

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button