चिकित्सा अनुसंधान, नवाचार और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करेंगे भारत -ब्रिटेन
- एम्स दिल्ली ने यूनिवर्सिटी ऑफ बोल्टन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन यूके संग किया करार
नई दिल्ली, 15 मई : मरीजों के बेहतर इलाज से लेकर बेहतर देखभाल तक की सुविधाएं अपग्रेड करने में जुटे एम्स दिल्ली ने बुधवार को यूनिवर्सिटी ऑफ बोल्टन इंस्टीटयूट ऑफ मेडिसिन (यूबीआईएम), ब्रिटेन के साथ करार किया। यह अंतर्राष्ट्रीय करार मेडिकल रिसर्च, इनोवेशन और एजुकेशन सहित कई क्षेत्रों में सहयोगात्मक रुप से काम करने के लिए किया गया है।
एम्स अस्पताल प्रशासन के सहायक प्रोफेसर डॉ सुशांत शर्मा ने बताया कि उक्त करार के तहत स्क्रीनिंग ओपीडी के जरिये मरीजों की बड़ी संख्या को देश के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों की ओर डायवर्ट करने की कवायद शुरू की जाएगी। साथ ही जराचिकित्सा विभाग की सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपडेट किया जाएगा और मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और छात्र -शिक्षक विनिमय कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके अलावा शैक्षिक सम्मेलन, सहयोगात्मक डिग्री कार्यक्रम, शिक्षक -छात्र विनिमय और सीएमई जैसी विभिन्न पहलों के जरिये मेडिकल एजुकेशन को समद्ध किया जाएगा।
यूबीआईएम के अध्यक्ष प्रो इकबाल सिंह ने कहा कि हम भाारत के साथ मजबूत संबंध स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और हम एम्स दिल्ली के साथ मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ केयर डिलिवरी और मेडिकल रिसर्च में परिवर्तनकारी पहलों को आगे बढाने के लिए काम करने लिए उत्साहित है। जिससे स्थानीय और वैश्विक समुदायों को लाभ होगा। वहीं, एम्स दिल्ली के निदेशक प्रो एम श्रीनिवास ने कहा कि यूबीआईएम के साथ हमारी साझेदारी भारत को मेडिकल रिसर्च, इनोवेशन और एजुकेशन में वैश्विक नेता के रुप में उजागर करेगी। भारत और यूके की स्वास्थ्य प्रणालियां एक दूसरे की पूरक है। इस सहयोग के माध्यम से हमारा लक्ष्य वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करना और आपसी तालमेल के जरिये दुनिया के समक्ष अपनी विशेषज्ञता साबित करने के नए अवसर तलाशना है।