जिला अस्पताल में महिला की डिलीवरी के बाद परिजनों से मांगा पैसा
जिला अस्पताल में महिला की डिलीवरी के बाद परिजनों से मांगा पैसा

अमर सैनी
नोएडा। सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में वसूली चल रही है। यह ऐसी वसूली है जिसे रोक पाना सीएमएस के बस की बात नहीं है। क्योंकि सीएमएस के पास पहले भी ऐसी शिकायतें पहुंची हैं। लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति कर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। एक बार फिर जिला अस्पताल में वसूली का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि महिलाओं की डिलीवरी कराने के बाद परिजनों से 500 से लेकर 2100 रुपये तक की वसूली की जा रही है।
बताया जा रहा है कि सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने ऐसे मामले को लेकर सोमवार को एक्शन लिया। उन्होंने डिस्चार्ज से पहले जांच के लिए अपने कार्यालय में सभी मामलों की परेड शुरू कर दी है। सोमवार को जब परिजनों से बात की गई तो उनमें से दो ने बताया कि स्टाफ ने उनसे 1100-1100 रुपये लिए हैं। परिजनों का कहना है कि स्टाफ ने उनसे कहा कि उन्होंने जच्चा-बच्चा की इतनी सेवा की है। बदले में उन्हें कुछ देना होगा। सोमवार दोपहर स्त्री रोग विभाग के प्रसूति वार्ड से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों के परिजनों को सीएमएस कार्यालय में बुलाया गया। यहां उनसे अलग-अलग बात की गई, ताकि पता चल सके कि उन्होंने किसी को पैसे दिए हैं या नहीं। करीब 18 लोगों से पूछताछ की गई। उनमें से दो ने बताया कि वार्ड में उनसे पैसे लिए गए।
अब मरीजों को डराने और धमकाने की शिकायत
सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल का कहना है कि प्रसूति वार्ड से वसूली की शिकायतें मिल रही हैं। 500 से 2100 रुपये लिए जाते हैं। इस पर जब सख्त कार्रवाई की गई तो मरीजों को डराने-धमकाने की जानकारी भी सामने आई। सोमवार को जो दो मामले सामने आए, दोनों ने ही लिखित शिकायत करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि उन्हें इन नर्सों और अन्य स्टाफ को बाद में भी दिखाना है। ऐसे में अगर जच्चा-बच्चा के साथ कुछ गलत हो गया तो मुश्किल हो जाएगी।
रोज होती है 20 से 25 डिलीवरी
प्रसूति वार्ड में वसूली का आलम यह है कि यहां हर दिन 20 से 25 डिलीवरी होते हैं। स्टाफ अलग-अलग मामलों में 500 से 2100 रुपये लेता है। यह पैसा पूरे स्टाफ में बांटा जाता है। सरकार ने भी कई बार अस्पताल प्रबंधन को इस प्रथा को रोकने के निर्देश दिए लेकिन इस पर रोक नहीं लग सकी।