
नई दिल्ली, 2 अगस्त : बच्चों को नशीली दवाओं के सेवन से दूर रखने के लिए दिल्ली सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग ने दवा विक्रेताओं के लिए एडवाइजरी जारी की है। इस संबंध में जारी परिपत्र के मुताबिक राजधानी के सभी दवा विक्रेताओं, फार्मेसियों और मेडिकल स्टोरों को अपने प्रतिष्ठानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही औषधि नियंत्रक अफसरों से उन दवा विक्रेताओं का जिला वार ब्यौरा मांगा गया है जो अनुसूची एच और एक्स दवाएं बेचते हैं। मगर, सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए हैं।
दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सहयोग से एक संयुक्त कार्य योजना तैयार की है। इस योजना के अनुपालन में बच्चों को बिना किसी पर्चे के शेड्यूल एच, एचआई और एक्स दवाओं की बिक्री को रोकने के उपाय के रूप में सभी फार्मेसियों और मेडिकल स्टोरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि नशीली दवाओं और पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी की रोकथाम की जा सके।
क्या होती है शेड्यूल एच और एक्स दवाएं
शेड्यूल एच में 536 और एच 1 में 46 दवाएं शामिल है। जिन्हें बिना डॉक्टर के पर्चे के फार्मासिस्ट बेच नहीं सकते हैं। शेड्यूल एच दवाओं के लेबल पर ‘आरएक्स’ लिखा होता है और लाल अक्षरो में चेतावनी भी लिखी होती है। इन दवाओं का सेवन नशे के तौर पर भी किया जाता है।
वही शेड्यूल ‘एक्स’ में नारकोटिक और साइक्लॉजिकल दवाएं आती है, जो अत्यंत प्रभावी और नशीली भी होती है। ये दवाएं सीधे दिमाग पर असर करती है, जिसके चलते गलत खुराक या ओवरडोज के कारण यह घातक भी साबित हो सकती है। शेड्यूल एक्स दवाएं खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची जरूरी है, जिसकी कॉपी विक्रेता को 2 सालों तक संभाल कर रखनी होती है