Noida Farmers Protest: नोएडा प्राधिकरण और किसानों की 3 घंटे की बैठक रही बेनतीजा, सोमवार को होगी महापंचायत

Noida Farmers Protest: नोएडा प्राधिकरण और किसानों की 3 घंटे की बैठक रही बेनतीजा, सोमवार को होगी महापंचायत
नोएडा में किसानों का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा और तीन घंटे चली बैठक के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकल सका। भारतीय किसान यूनियन मंच के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन में किसानों ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अब वे “समाधान या समाधि” के नारे के साथ अपने अधिकार की लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे।
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और किसानों के बीच यह बैठक बोर्ड रूम में आयोजित की गई, जिसमें प्रत्येक गांव से दो-दो किसान प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कृष्णा करुणेश, ओएसडी क्रांति शेखर, अरविंद कुमार और एसीपी प्रवीण कुमार मौजूद रहे। बातचीत करीब 3 घंटे 10 मिनट तक चली, लेकिन किसानों की मुख्य मांगों पर सहमति नहीं बन पाई।
किसानों का आरोप: वर्षों से हो रहा अन्याय
किसानों ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों ने कोई ठोस समाधान नहीं दिया, इसलिए यह वार्ता विफल मानी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल त्यागी ने बैठक के बाद कहा कि नोएडा प्राधिकरण को किसानों की आवाज को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस बार किसान बिना अपने अधिकार पाए वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सभी मांगों पर स्पष्ट समाधान नहीं मिलता। विमल त्यागी ने घोषणा की कि 3 नवंबर 2025, सोमवार को नोएडा प्राधिकरण परिसर में एक विशाल महापंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
किसानों के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधीर चौहान ने भी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में प्राधिकरण पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नोएडा प्राधिकरण ने वर्षों से किसानों के साथ छल किया है। किसानों को वाजिब हक नहीं मिला और समझौते के बावजूद कई वादे अधूरे रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों के सामने यह भी स्पष्ट किया कि 1976 से 1997 के बीच जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित हुई, उन्हें आज तक उनके हक के भूखंड, 5% या 10% किसान कोटे के प्लॉट और आबादी के निस्तारण का लाभ नहीं मिला।
बैठक में किसानों ने दोहराया कि इस बार केवल लिखित या मौखिक आश्वासन से बात नहीं बनेगी। वे तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक उन्हें उनका हक नहीं मिल जाता। किसानों ने चेताया कि यदि नोएडा प्राधिकरण ने अब भी ठोस निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
समाधान या समाधि बनेगी आंदोलन की पहचान
किसानों का यह संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। “समाधान या समाधि” का नारा अब उनके आंदोलन का प्रतीक बन गया है। नोएडा प्राधिकरण और किसानों के बीच यह टकराव आने वाले दिनों में और बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि सोमवार को प्रस्तावित महापंचायत में हजारों किसानों के शामिल होने की संभावना है।





