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उत्तर प्रदेश, नोएडा: लोन दिलाने के नाम पर 250 लोगों को ठगा

उत्तर प्रदेश, नोएडा: सेक्टर-16 में चला रहा था फर्जी कॉलसेंटर, 11 कर्मचारी गिरफ्तार; डायरेक्टर पति-पत्नी फरार

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा में साइबर क्राइम, फेज-1 थाना और सर्विलांस टीम ने संयुक्त रूप से एक फर्जी कॉल सेंटर और 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन देने का झांसा देकर लोगों से ठगी करते थे। इनके पास से मिली एक्सेल शीट पर देश के लाखों लोगों का डेटा मिला है। जिसे वेरिफाइ किया जा रहा है। ये लोग 250 से ज्यादा लोगों को ठग चुके हैं।

शहर के कॉरपोरेट एरिया में चल रहे कॉल सेंटर का डायरेक्टर गौरव जोशी और उसकी पत्नी नेहा है। दोनों ही मिलकर इस कंपनी को चला रहे थे। ये लोग डार्क वेब या अन्य माध्यमों से लोगों का डेटा लेते थे। जिसमें व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर, जन्म तिथि और भी जानकारी होती है।

इसके बाद कस्टमर को कॉल करके उन्हें 0% ब्याज पर लोन देने का झांसा देते थे। फिर कस्टमर को अपने जाल में फंसाकर लोन, रजिस्ट्रेशन एवं जीएसटी जमा करने के नाम पर उनसे पैसे लते थे।

उनसे बीमा पॉलिसी कराने के लिए भी प्रोसेसिंग फीस लेते थे। जिसके बाद उनको फर्जी दस्तावेज भेजते थे। इसके बाद कुछ बीमा कंपनियों को बीमा की राशि जमा करते और वहां से भी 40 से 60 प्रतिशत तक कमीशन लेते हैं।

एक डेस्क फोन की शिकायत से खुलासा

बैंगलोर से एनसीआरपी(नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर लोन के नाम पर ठगी करने की शिकायत दर्ज हुई। पोर्टल द्वारा शिकायत का रिस्पॉंस देने पर पता चला कि मामला नोएडा का है। जहां से साइबर ठगी की गई है। इसके बाद साइबर हेल्प 1930 पर मामला ट्रांसफर किया गया।

जिसमें पता चला कि पीड़ित के पास डेस्क फोन से कॉल आती थी। जिसकी आईएमआई लोकेशन ट्रैक की गई। तब इस कॉल सेंटर की जानकारी मिली। कई दिन तक नजर रखी गई, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।

कॉल सेंटर में छापा मारा गया

डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद ने बताया- जिस समय छापा मारा गया, उस दौरान ये कॉलसेंटर ऑपरेट हो रहा था। ये लोग 250 से ज्यादा लोगों को ठग चुके है।

डीसीपी ने बताया- पति-पत्नी कॉल सेंटर पर मौके पर मौजूद नहीं मिले। पुलिस टीम इनकी गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है। वहीं मौके से 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें विक्रम सिंह, अमन, केशव कुमार झा, अरमान चौधरी, मोहित, राहुल सिंह, फिरोज खान, राहुल कुमार, अक्षय कुमार मिश्रा, पंकज सिंह और दिव्या वर्ष हुई है।आरोपियों के कब्जे से 43 लैंडलाइन फोन, 21 मोबाइल फोन, 05 लैपटॉप, 61 सिम कार्ड, 36 सिम कार्ड के खाली लिफाफे व कस्टमरों का अनाधिकृत रूप से लिया गया डाटा की 10 फाइलें बरामद की गईं हैं। इनके पास से 43 लैंडलाइन फोन, 21 मोबाइल फोन, 05 लैपटॉप, 61 सिम कार्ड, 36 सिम कार्ड के खाली लिफाफे मिले है।

वाट्सऐप चैट से मिला लाखों का डेटा

डीसीपी ने बताया- इनके वॉट्सऐप चैट से अनधिकृत वेंडर की जानकारी मिली। ये डेटा फोन में एक्सल शीट के जरिए सेव किया गया था। जिसमें देश के लाखों लोगों का डेटा व निजी जानकारी थी।

इनके पास से 10 फाइल मिली है। जिसमें भी लोगों का डेटा है। वांछित लोगों की तलाश की जा रही है। इसी डेटा का प्रयोग करके ये लोग ठगी कर रहे थे। इनके बैंक खातों का फ्रीज कराया जा रहा है। साथ पीड़ितों से भी संपर्क किया जा रहा है।

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