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New Delhi : मरीज को हो रही थी दिक्कत, पेट से निकला 10.6 किलो वजनी ट्यूमर, मरीज पिछले 8 महीने से था परेशान, ट्यूमर ने पेट के अंदर की कई जगहों पर कर लिया था कब्जा

New Delhi : सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मरीज के पेट में पनप रहे विशाल ट्यूमर को सफलतापूर्वक बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की है। यह गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (जीआईएसटी) था जिसका वजन करीब 10 किलो 600 ग्राम था।

ट्यूमर मरीज के पेट में आठ महीने से पनप रहा था

सर्जरी विभाग की डॉ. शिवानी बी. परुथी ने बताया कि ट्यूमर मरीज के पेट में आठ महीने से पनप रहा था और पेट के लगभग सभी हिस्सों में फैल चुका था। यह दोनों तरफ की एक्सटर्नल इलिएक वेसल्स को भी अपनी चपेट में ले चुका था, जिससे मरीज को राइट हाइड्रोनफ्रोसिस हो गई थी। इस वजह से सर्जरी की प्रक्रिया भी बेहद जटिल हो गई थी।

कई घंटे तक चली सर्जरी

सफदरजंग अस्पताल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, यह सर्जरी कई घंटे तक चली। ट्यूमर का साइज इतना बड़ा था कि इसे हटाना बेहद मुश्किल था क्योंकि यह कई अंगों, ओमेंटम और बेल्डर डोम से जुड़ा हुआ था। इसके बावजूद पूरी टीम ने आपसी तालमेल से उस ट्यूमर को मरीज के पेट से निकाला।

क्या है जीआईएसटी?

जीआईएसटी एक दुर्लभ कैंसरयुक्त ट्यूमर है जो पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। यह पाचन तंत्र के संयोजी ऊतक में विकसित होते हैं और केजल की अंतरालीय कोशिकाओं (आईसीसी) विशिष्ट कोशिकाओं में उत्पन्न होते हैं, जिन्हें अक्सर जठरांत्र पथ का पेसमेकर, कहा जाता है। इसमें पेट दर्द, मल में खून आना और खून की उल्टी होना जैसे लक्षण हो सकते हैं। हालांकि कई बार शुरुआत में इसके लक्षण पता नहीं चल पाते है। जीआईएसटी को हटाने के लिए सर्जरी सबसे आम इलाज है। इसमें ऑपरेशन के बाद डिस्चार्ज होने के बाद भी मेडिकल ऑन्कोलॉजी टीम मरीज़ की लगातार मॉनीटरिंग कर रही है।

ये रहे शामिल

डॉ. परुथी ने बताया कि इस सर्जरी को हमने निदेशक डॉ. संदीप बंसल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. चारु भाम्बा, विभागाध्यक्ष डॉ. कविता के नेतृत्व में किया। इसमें डॉ. डीके चेजारा सहित एनेस्थीसिया टीम और डॉ. मीना, डॉ. सपना भाटिया और डॉ. विष्णु भी शामिल रहे।

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