
नई दिल्ली, 17 जुलाई : सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और उपचार संभव होने के बावजूद देश भर में करीब 80 महिलाएं प्रतिवर्ष अपनी जान गंवा देती हैं। वो भी तब, जब वह अपने जीवन के सबसे अच्छे दौर में होती हैं और परिवार व करियर में मुकाम बना चुकी होती हैं।
यह जानकारी एम्स दिल्ली के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के डॉ. अभिषेक शंकर ने वीरवार को दी। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर चौथा सबसे आम कैंसर है जो ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से महिलाओं का जीवन लील रहा है। इसके रोकथाम और उन्मूलन के कार्य को व्यापक टीकाकरण और जांच कार्यक्रमों में तेजी लाकर संभव किया जा सकता है। मगर उन्हें पूरी क्षमता से लागू नहीं किया जा रहा है जिसके चलते तत्काल प्रभावी कार्रवाई को अंजाम दिया जाना बेहद जरुरी हो गया है।
उन्होंने कहा, तत्काल कार्रवाई को तीन प्रमुख रणनीतियों और 2030 के स्पष्ट लक्ष्यों के साथ संपन्न किया जा सकता है। इसमें महिलाओं के लिए एचपीवी टीकाकरण को 90% तक बढ़ाना, जीवन में दो बार सर्वाइकल स्क्रीनिंग के लक्ष्य को 70% तक बढ़ाना और पूर्व-आक्रामक घावों एवं आक्रामक कैंसर के उपचार को 90% तक बढ़ाना शामिल है। इस प्रक्रिया को 90-70-90 लक्ष्य भी कहा जाता है, जिससे सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिए रोडमैप प्राप्त होगा।
डॉ.शंकर के मुताबिक प्रभावी कार्रवाई से ना केवल लाखों महिलाओं की जान बच सकेगी, बल्कि आर्थिक और सामाजिक लाभ भी प्राप्त हों सकेंगे। चूंकि सर्वाइकल कैंसर स्वास्थ्य और मृत्यु दर पर प्रभाव डालने के साथ राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, सामाजिक विकास व मानव विकास पर भी भारी बोझ डालता है। उन्होंने कहा, महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिए एचपीवी टीकाकरण और सर्वाइकल कैंसर की जांच में तेजी लाने के साथ उपचार से जुड़े मिथकों व भ्रांतियों को दूर किया जाना भी जरुरी है। इस कार्य में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
डॉ. रामलिंगस्वामी बोर्ड रूम में कार्यशाला
डॉ. अभिषेक शंकर ने बताया, शनिवार को दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक एम्स के डॉ. रामलिंगस्वामी बोर्ड रूम में सर्वाइकल कैंसर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाने, गलत सूचनाओं का मुकाबला करने और सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और उन्मूलन के बारे में जन सहभागिता बढ़ाना है। इसके अलावा गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की देखभाल से संबंधित विषयों पर मीडिया के प्रतिभागियों के बीच एक कहानी लेखन प्रतियोगिता भी होगी।