उत्तर प्रदेश, नोएडा:निजी स्कूलों में बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए बनाई कमेटी
उत्तर प्रदेश, नोएडा:निजी स्कूलों में बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए बनाई कमेटी

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। इस बार निजी स्कूलों में आरटीई के तहत आरक्षित 1500 सीटें खाली रह गई हैं। इसकी वजह स्कूलों की मनमानी, अधिकारियों की उदासीनता और थोड़ी अभिभावों की लापरवाही भी है लेकिन अगले साल से ऐसा नहीं होने की संभावना है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी अभी से सख्त दिख रहे हैं। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों और जिला समन्वयक की कमेटी बनाई गई है।
इस साल जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों की करीब 4,768 सीटों में से लगभग 3,268 पर दाखिले हुए हैं। दरअसल, हर साल अभिभावक अधिकारियों के पास स्कूलों की एडमिशन लेने में आनाकानी करने की शिकायत लेकर पहुंचते हैं। इस साल भी चारोंं चरण की प्रकिया के दौरान स्कूलों ने मनमानी की। अभिभावक जिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत लेकर पहुंचे तो उन्होंने दाखिला लेना शुरू किया। विभाग के अफसरों ने अब इसकी जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ ही जिला समन्वयक को सौंपने का फैसला किया है।
प्रदेश में निम्न 10 में पहुंचा जिला
आरटीई के तहत दाखिला लेने में गौतमबुद्ध नगर प्रदेश में निम्न-10 में पहुंच गया। अगले सत्र में जनपद की स्थिति खराब न हो इसके लिए पहले से ही विभाग तैयारियों में जुट गया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि आरटीई के तहत नामांकित बच्चों से किसी भी प्रकार की फीस या चार्ज वसूलना कानून का उल्लंघन होगा। इसके बावजूद कुछ स्कूलों की ओर से खेलकूद, वार्षिक उत्सव, परीक्षा शुल्क आदि के नाम पर अभिभावकों से पैसे मांगे जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं।
आठवीं तक मिलती है मुफ्त शिक्षा
बीएसए राहुल पंवार ने बताया कि आरटीई के तहत बच्चों की आठवीं कक्षा तक पढ़ाई मुफ्त कराई जाती है। इसके लिए मॉनिटरिंग योजना बनाई गई है। कोई बच्चा यदि परेशान किया जाता है, तो अभिभावक उसकी शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। बच्चों को अन्य छात्रों से अलग बैठाकर पढ़ाने की अनुमति नहीं है। विभाग ने इस तरह के भेदभाव को गंभीर माना है और कार्रवाई की चेतावनी दी है। समय-समय पर स्कूलों की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।