
New Delhi : मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार की अध्यक्षता में योजित की गई, जिसमें देश में सकारात्मक बदलाव, सामाजिक सुधार और वैश्विक शांति की दिशा में कई ऐतिहासिक संकल्प लिए गए। बैठक में “मां के नाम पेड़”, “नशा मुक्त भारत” और “वैश्विक शांति का आह्वान” जैसे अभियानों के माध्यम से देश और दुनिया के लिए एक नई दिशा देने का प्रयास किया गया।
हरित भारत, एक पेड़ मां के नाम
बैठक में “हरित भारत, एक पेड़ मां के नाम” नामक एक प्रेरणादायक प्रस्ताव पारित किया गया। इस पहल के तहत हर साल अपनी मां के नाम एक पेड़ लगाने का संकल्प लिया गया है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के अलावा मां के प्रति सम्मान और धरती के प्रति जिम्मेदारी को जोड़ने वाली एक सांस्कृतिक क्रांति है।
नशा मुक्त भारत
बैठक में देश की युवा पीढ़ी में बढ़ते नशे के खतरे पर गहरी चिंता जताई गई। मंच ने सर्वसम्मति से “नशा छोड़ो, देश जोड़ो” नाम से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने का फैसला लिया। इस अभियान के अंतर्गत मस्जिदों, स्कूलों, पंचायतों और डिजिटल मीडिया के ज़रिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
वैश्विक शांति का संदेश
बैठक में दुनिया के कई देशों में चल रहे युद्ध और हिंसा पर भी गहरी चिंता जताई गई। मंच ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है – ये केवल विनाश लाते हैं। मंच ने दुनिया से अपील की कि भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम” की सोच को अपनाएं, जिसमें सभी को एक परिवार माना जाता है।
लोकतंत्र की सुरक्षा
बैठक में 1975 में लगाए गए आपातकाल को भारत के लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय और लोकतंत्र का नरक काल बताया गया। मंच ने कहा कि लोकतंत्र शासन की व्यवस्था के साथ साथ जनता की आवाज़ है — जिसे कभी भी जबरन नहीं दबाया जा सकता।
भविष्यनीति
मंच ने घोषणा की कि “हरित भारत, एक पेड़ मां के नाम” और “नशा मुक्त भारत” जैसे अभियानों को हर ज़िले, ब्लॉक और ग्राम पंचायत तक पहुँचाया जाएगा। इसके लिए एक डिजिटल ट्रैकर प्लेटफॉर्म तैयार किए जाने की बात भी उठी, जिससे नागरिकों की भागीदारी दर्ज की जा सके। साथ ही, “शांति टोली” नाम की एक युवा टीम बनाने की भी चर्चा हुई जो पूरे देश में घूम-घूमकर शांति, सद्भाव और एकता का संदेश दे।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की अखिल भारतीय उपस्थिति
बैठक में देशभर से मंच के कई प्रमुख कार्यकर्ता और प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें प्रमुख नाम हैं: मोहम्मद अफजाल, प्रो. शाहिद अख्तर, गिरीश जुयाल, रज़ा हुसैन रिजवी, विराग पाचपोर, शाहिद सईद, इस्लाम अब्बास, अबु बकर नकवी, इरफान अली पीरजादा, एस के मुद्दीन, डॉ. शालिनी अली, रेशमा हुसैन, तसनीम पटेल, मौलाना कोकब,हाफिज साबरीन, इमरान चौधरी, फैज़ खान, शाकिर हुसैन, डॉ. आसिफ अली, अल्तमश बिहारी, कल्लू अंसारी, अंजुम अंसारी, शहनाज़ अफजाल, मीर नज़ीर, दादू खान, आशिद खान, डॉ. शाइस्ता, ताहिर शाह, चांदनी शाह, शफकत कादरी और शेर अली खान। इनकी सक्रिय उपस्थिति ने साबित किया कि मंच की उपस्थिति और प्रभाव पूरे भारत में तेजी से बढ़ रहा है।
प्रस्तावों की सूची नहीं थी
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की यह बैठक केवल प्रस्तावों की सूची नहीं थी। यह एक नई सोच और बदलाव का बीज थी। “हरित भारत, एक पेड़ मां के नाम” और “नशा छोड़ो, देश जोड़ो” जैसे संकल्प अगर ज़मीन पर पूरी ईमानदारी से उतारे जाएं