
नई दिल्ली/हैदराबाद, 16 जून: शादी, बीमारी, शिक्षा और उपचार के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से पैसा निकालना अब बेहद आसान हो गया है। इस प्रक्रिया में जहां पहले 10 दिन लग जाते थे अब महज 72 घंटे में श्रमिकों के खाते में पैसा पहुंच जाता है। यही नहीं ईपीएफ से पैसा निकासी की सीमा को एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
इस आशय की जानकारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) क्षेत्रीय कार्यालय, बरकतपुरा (हैदराबाद) के शीर्ष अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में बदलाव के मद्देनजर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ईपीएफ लाभार्थियों के लिए एक लाख रुपये तक की निकासी योजना को पांच लाख रुपये तक विस्तारित करने पर विचार कर रहा है। यानि कर्मचारी अपने घर को बनाने, बीमारी का इलाज कराने, बच्चों की शिक्षा या शादी -ब्याह के लिए भविष्य निधि से ज्यादा राशि प्राप्त कर सकेंगे।
दरअसल, तेलंगाना के छह जिलों में ईपीएफ और पेंशन संबंधी सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में बरकतपुरा कार्यालय 34,241 प्रतिष्ठानों की देखरेख करता है, 27.47 लाख खातों का प्रबंधन करता है, और 6.77 लाख योगदानकर्ता सदस्यों और 1.14 लाख पेंशनभोगियों को निर्बाध सेवाएं प्रदान करता है। इसके अलावा पेंशनर की सुविधा के लिए केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली और चेहरा प्रमाणीकरण प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर रहा है। साथ ही एक लाख रुपये तक के दावों को स्वचालित तरीकों से मंजूरी दे रहा है जिसके तहत हर महीने 30 हजार से ज्यादा दावों का निपटान सिर्फ तीन दिन में ही संभव हो पा रहा है।
क्या आया बदलाव ?
स्वचालित दावा निपटान: मासिक आधार पर औसतन 30,001 स्वचालित दावों के निपटान के साथ, कार्यालय ने प्रसंस्करण में लगने वाले समय को 10 दिन से घटाकर केवल 3 से 4 दिन कर दिया है, जिससे सदस्यों को त्वरित राहत मिल रही है।
केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली: राष्ट्रव्यापी पेंशन संवितरण को सक्षम बनाया गया है, जिससे पेंशनभोगियों को किसी भी बैंक से लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी।
चेहरा प्रमाणीकरण प्रौद्योगिकी: पेंशनभोगियों को स्मार्टफोन का उपयोग करके घर से ही डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में सक्षम बनाया गया है, जिससे कार्यालयों या केंद्रों पर जाने की आवश्यकता समाप्त हो गई है।
कागज रहित सुधार: आधार से जुड़े यूएएन मानदंडों के अनुपालन में, कार्यालय ने चेक लीफ प्रस्तुतीकरण और नियोक्ता सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है, जिससे दावा निपटान में तेजी आई है।