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नई दिल्ली: ग्रीन फुटप्रिंट वाली ब्लू वाटर फोर्स के रूप में बनी नौसेना की पहचान

नई दिल्ली: -भारतीय नौसेना को पर्यावरणीय फुटप्रिंट कम करने में मिली मदद

नई दिल्ली, 4 जून : पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बल के रूप में भारतीय नौसेना ने अक्षय ऊर्जा को अपनाने के साथ जीवनशैली में भी बदलाव किया है। जिसके चलते नौसेना को ना सिर्फ पर्यावरणीय फुटप्रिंट कम करने में मदद मिली है। बल्कि ग्रीन फुटप्रिंट वाली ब्लू वाटर फोर्स के रूप में अपनी पहचान बनाने में भी सफलता मिली है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर नौसेना के प्रवक्ता ने कहा, हरित पहल नौसेना का प्रमुख फोकस क्षेत्र रहा है। इसलिए समुद्री क्षेत्र में वृक्षारोपण और मैंग्रोव संरक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा देश की ऊर्जा नीति के तहत अक्षय ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से कम कार्बन उत्सर्जन की रणनीति अपनाई जा रही है। इस संबंध में सभी नौसेना इकाइयों और प्रतिष्ठानों को ‘स्वच्छ और हरित’ पर्यावरण की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है।

साथ ही कार्बन फुटप्रिंट में कमी, तटीय क्षेत्रों से प्लास्टिक निपटान, समुद्री शैवाल की खेती और प्रवाल भित्ति सर्वेक्षण कार्य को पर्यावरण के प्रति जागरूक फर्मों के साथ संपन्न कराया जा रहा है। कुल मिलाकर, नौसेना हमारे देश के ऊर्जा और पर्यावरण लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह अब एक पूर्ण विकसित ‘ग्रीन फुटप्रिंट वाली ब्लू वाटर फोर्स। है और हमारी भावी पीढ़ियों के लिए बेहतर पर्यावरण बनाने में अपनी भूमिका के प्रति पूरी तरह सजग है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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