
Delhi News : छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ श्री जामड़ी पाटेश्वर धाम के संत श्रीराम बालकदास जी ने उज्जैन में बाबा महाकालेश्वर का दर्शन कर पूजन किया। इस दौरान प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2026 में जब गोद में रामलला को लेकर छत्तीसगढ़ की बेटी राजरानी मां कौशल्या की एक करोड़ के लागत से बनने वाली प्रतिमा बालोद जिला के पाटेश्वर आश्रम में स्थापित होगी। तब संपूर्ण विश्व छत्तीसगढ़ में तीर्थ यात्रा करने के लिए आएगा और विश्व के प्रथम माँ कौशल्या धाम का दर्शन करके अपने भाग्य की सराहना करेगा।
मंदिर के निर्माण का संकल्प किया
इस अवसर पर उज्जैन महाकाल के पुजारी संजय महाराज ने कहा कि विगत 25 वर्षों से श्रीराम बालक दास जी से परिचय है। जिन्होंने भागीरथी प्रयास करके जो विश्व के किसी संत ने नहीं सोचा वह सोचकर अपनी मातृभूमि छत्तीसगढ़ में माता कौशल्या के दिव्य 25 करोड़ की लागत से मंदिर के निर्माण का संकल्प किया। बाबा महाकाल के आशीर्वाद की कामना करते हैं कि 2026 में संत श्री के संकल्प को पूर्ण करने में वह सहायक बने। उन्होंने कहा कि उज्जैन महाकालेश्वर पीठ की तरफ से संस्थान के प्रतिनिधि माँ कौशल्या धाम की स्थापना में आने का आश्वासन भी दिया।
लोगों की भावनाओं को समझा
इस अवसर पर एक सवाल के जवाब में संत श्री ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने कम समय में ही छत्तीसगढ़ में लोगों की भावनाओं को समझा। जब मां कौशल्या धाम के निर्माण में शासन प्रशासन के सहयोग की बात पर सवाल किया गया तो संत श्री ने उदासी व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह अयोध्या में राम जन्मभूमि के निर्माण के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने समर्पण भाव दिखाया, इस प्रकार छत्तीसगढ़ में नहीं है। यह दु:ख का विषय है जबकि संपूर्ण शासन प्रशासन को मां कौशल्या धाम तीर्थ क्षेत्र के विकास के लिए समस्त कार्यों में जुट जाना चाहिए।
असहयोग के कारण दिक्कत हो रही
उन्होंने कहा कि कुछ घोषणाएं सीएम के द्वारा की गई जो 10 महीने के बाद भी अभी तक स्वीकृत नहीं की गई है। जिला प्रशासन में बहुत से काम आए और कौशल्या धाम में कार्य कुछ पूर्ण किए गए हैं, मगर कुछ अपूर्ण है। लेकिन प्रशासन के असहयोग के कारण दिक्कत हो रही है। उन्होंने कहा कि आज मध्य प्रदेश, राजस्थान , महाराष्ट्र , उड़ीसा अन्य प्रदेशों के लोग मां कौशल्या धाम के लिए अपनी शुभेच्छा और उत्साह व्यक्त कर रहे हैं। ऐसा ही उत्साह छत्तीसगढ़ प्रदेशवासियों में और साथ ही शासन प्रशासन में भी होना चाहिए। तभी 2026 के इस भव्य मां कौशल्या स्थापना समारोह को हम सुविधापूर्वक कर सकेंगे।