भारत

Indian Railways: भारतीय रेलवे के माल परिवहन क्षेत्र में नया युग, दाहोद में 9000 हॉर्सपावर इलेक्ट्रिक लोको निर्माण केंद्र का लोकार्पण

Indian Railways: भारतीय रेलवे के माल परिवहन क्षेत्र में नया युग, दाहोद में 9000 हॉर्सपावर इलेक्ट्रिक लोको निर्माण केंद्र का लोकार्पण

रिपोर्ट: अभिषेक ब्याहुत

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने मालवाहन क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2025 को गुजरात के दाहोद स्थित रोलिंग स्टॉक वर्कशॉप में लोको निर्माण केंद्र का लोकार्पण किया। यह कदम रेलवे के इतिहास में परिवर्तन और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस केंद्र में 9000 हॉर्सपावर क्षमता वाले 1200 अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक मालवाहक इंजनों का निर्माण किया जाएगा, जो मेक इन इंडिया और मेक फॉर वर्ल्ड अभियानों को मजबूती प्रदान करेगा।

यह इंजन 4500 से 5000 टन तक भारी माल को तेज चढ़ाई पर भी आसानी से ले जाने में सक्षम है, जिससे मालवाहन परिवहन में एक क्रांतिकारी बदलाव आएगा। इन इंजनों में उन्नत IGBT-आधारित प्रणोदन तकनीक का उपयोग किया गया है, जो ऊर्जा दक्षता और संचालन प्रदर्शन को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है। यह तकनीक भारतीय रेलवे को विश्वसनीय, आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल मालवाहक लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगी।

 

9000 हॉर्सपावर वाली यह लोकोमोटिव भारतीय रेलवे की सबसे शक्तिशाली एकल-इकाई इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव है। इस प्रकार के इंजन सामान्यतः 4500 या 6000 हॉर्सपावर के होते थे, जबकि 12000 हॉर्सपावर के इंजन दो 6000 हॉर्सपावर इकाइयों को जोड़कर बनाए जाते थे। इसके विपरीत, दाहोद में निर्मित यह इंजन एकीकृत उच्च-शक्ति समाधान प्रस्तुत करता है, जो लंबे और भारी माल गाड़ियों को आसानी से खींच सकता है। इस बढ़ी हुई क्षमता से कम ट्रिप में अधिक माल परिवहन संभव होगा, जिससे समय की बचत, भीड़भाड़ में कमी और लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार होगा। इसके परिणामस्वरूप रेल यातायात अधिक अनुकूलित होगा, जिससे व्यस्त मार्गों पर दबाव घटेगा और ऊर्जा तथा मानव संसाधन की बचत होगी। यह सभी फायदे उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम करके मूल्य प्रतिस्पर्धा और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार लाएंगे।

दाहोद रेलवे कार्यों का एक प्रमुख केंद्र रहा है, लेकिन समय के साथ इसकी गतिविधियां घट गई थीं। 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे पुनः एक रेल निर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया था, जो अब वास्तविकता बन गया है। यह लोको निर्माण केंद्र ब्रॉड गेज और स्टैंडर्ड गेज दोनों प्रकार के इंजन बनाने में सक्षम है, जो भारत को वैश्विक रेल निर्माण बाजार में एक मजबूत स्थिति प्रदान करेगा। इस परियोजना में उपयोग किए गए पुर्जे का 89 प्रतिशत भाग भारत में निर्मित है, जो मेक इन इंडिया और मेक फॉर वर्ल्ड अभियानों के अनुरूप है।

9000 हॉर्सपावर इंजन की खासियत इसकी स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण में निहित है। इसका निर्माण एक हरित ऊर्जा से संचालित फैक्ट्री में किया जाता है, जिसे ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग टैग प्राप्त है। साथ ही, इसमें पुनर्योज्य ब्रेकिंग तकनीक भी मौजूद है, जो ब्रेक लगाते समय ऊर्जा को ग्रिड में वापस भेजती है, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है। ये सभी विशेषताएं भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को मजबूत करती हैं।

इस लोकोमोटिव में भारत की स्वदेशी ‘कवच’ टक्कर-रोधी प्रणाली लगी है, जिससे सुरक्षा का नया स्तर स्थापित होता है। इसमें वातानुकूलित ड्राइवर केबिन, कम शोर और कंपन की तकनीक मौजूद है जो ड्राइवर की सुविधा और सुरक्षा को बढ़ाती है। इसके अलावा, इंजन में लगे कैमरे निगरानी और सुरक्षा को बेहतर बनाते हैं। इसके शौचालय में इलेक्ट्रॉनिक लॉक हैं जो केवल इंजन के स्थिर होने पर ही खुलते हैं, जिससे संचालन के दौरान अनुशासन सुनिश्चित होता है।

दाहोद लोको निर्माण केंद्र कौशल विकास पर विशेष ध्यान देता है। यहां मैकेनिकों और ड्राइवरों को वर्चुअल डिजिटल मॉडल के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है। इस परियोजना से जुड़े निर्माण कार्यों में 85 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय युवाओं को मिली हैं। इसके अलावा, कार्यबल की तकनीकी दक्षता बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए गए हैं। इससे न केवल रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, बल्कि दाहोद क्षेत्र में औद्योगिक और आधारभूत संरचना विकास को भी तेजी मिली है।

यह 9000 हॉर्सपावर इंजन मालवाहन परिवहन की एक नई प्रणाली का केंद्र बनने जा रहा है। इसकी शक्ति, दक्षता और उन्नत डिजाइन भारतीय रेलवे को अधिक प्रतिस्पर्धी, टिकाऊ और भविष्य की चुनौतियों के लिए सक्षम बनाएंगे। दाहोद में विकसित यह इंजन तकनीक, क्षेत्रीय विकास और वैश्विक दृष्टिकोण के समन्वय से न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर मालवाहन परिवहन के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगा। भारतीय रेलवे के इस प्रयास से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण और आधुनिकता का नया अध्याय भी जुड़ रहा है।

Related Articles

Back to top button