उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा पावर कंपनी को भी अब सार्वजनिक करने होंगे बिजली आपूर्ति के आंकड़े
उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा पावर कंपनी को भी अब सार्वजनिक करने होंगे बिजली आपूर्ति के आंकड़े

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। अब नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड (एनपीसीएल) को भी अपनी बिजली आपूर्ति के आंकड़े पब्लिक डोमेन में डालने होंगे। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के लोक महत्व के प्रस्ताव पर सुनवाई करते हुए सोमवार को इसके आदेश दिए। आयोग ने एनपीसीएल से बीते पांच साल के आंकड़े यूपी राज्य भार वितरण केंद्र (यूपीएसएलडीसी) को उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद यूपीएसएलडीसी ने भी इस संबंध में अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
नोएडा पावर कंपनी पर आरोप थे कि वह अपने क्षेत्र में आने वाले तकरीबन 118 गांवों को रोस्टर से भी कम बिजली आपूर्ति कर रहा है। इसके उलट कंपनी का दावा था कि वह गांवों को 20-21 घंटे बिजली आपूर्ति करवा रहा है। जब आंकड़ों में यह विरोधाभास आया तो सोमवार को राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग में इस संबंध में लोक महत्व का प्रस्ताव दाखिल किया। आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह के सामने हुई मामले की सुनवाई में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने एनपीसीएल के आंकड़े यूपीएसएलडीसी की वेबसाइट पर न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब सभी बिजली कंपनियों के आंकड़े यूपीएसएलडीसी पब्लिक डोमेन में डालता है तो एनपीसीएल को इससे छूट क्यों? मामले की सुनवाई के बाद नियामक आयोग ने एनपीसीएल के पांच साल के आंकड़े अपलोड करवाने के आदेश दिए हैं। आयोग के आदेश के बाद यूपीएसएलडीसी ने एनपीसीएल से आंकड़े मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
उपभोक्ता परिषद ने कंज्यूमर राइट रूल-2020 की धारा-10 के तहत नोएडा क्षेत्र के सभी उपभोक्ताओं को समान रूप से 24 घंटे बिजली दिए जाने का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि अगर उपभोक्ताओं को कम आपूर्ति हुई है तो इसका मुआवजा भी उपभोक्ताओं को दिलवाया जाए। अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि एनपीसीएल के पांच साल के आंकड़े सामने आने के बाद कम आपूर्ति का मामला अपने आप खुल जाएगा।