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निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने पर दोबारा होगी सुनवाई

निठारी कांड के आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने पर दोबारा होगी सुनवाई

अमर सैनी

नोएडा। निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को इलाहाबाद उच्च न्यायालय (हाईकोर्ट) द्वारा बरी किए जाने के बाद से सीबीआई की किरकिरी हो रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अपील की समीक्षा करने पर सहमति जताई है।
बताया जा रहा है कि न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन उच्च न्यायालय के 16 अक्टूबर, 2024 के फैसले के खिलाफ अन्य संबंधित याचिकाओं के साथ इस याचिका पर भी विचार करेंगे। इससे पहले, 19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई और उत्तर प्रदेश सरकार की अलग-अलग याचिकाओं पर विचार करने पर सहमति जताई थी। कोर्ट ने कोली की प्रतिक्रिया मांगने के लिए एक नोटिस जारी किया था, जो लंबे समय से चल रही न्यायिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम था।

दिसंबर 2006 में हुआ था निठारी कांड
दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पास कंकाल के अवशेष मिले थे। इससे व्यापक आक्रोश फैल गया और गहन जांच हुई। पंढेर और कोली, उनके घरेलू सहायक पर बलात्कार, हत्या और संभवतः नरभक्षी कृत्यों का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद यह पूरी दुनिया में सुर्खियों में रही थी।

कोली की सजा और पंढेर को किया था बरी
शुरुआत में कोली को 2010 में सत्र न्यायालय द्वारा मृत्युदंड दिया गया था, पंढेर को बरी कर दिया गया था।हालांकि, बाद में उच्च न्यायालय ने दोनों व्यक्तियों के लिए इन फैसलों को पलट दिया, क्योंकि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे अपराध साबित करने में विफल रहा, और जांच की आलोचना करते हुए इसे जनता के विश्वास पर हमला बताया।

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