ग्रेनो प्राधिकरण ने कूड़े को प्रोसेस कर उपयोगी उत्पाद बनाने पर मांगे ‘आइडिया’
-इन सभी 'आइडिया' पर अमल कर जल्द ही काम शुरू होगा
अमर सैनी
नोएडा। प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े को 100 फीसदी प्रोसेस कर जरूरी उत्पाद बनाने का प्रयास कर रहा है। प्राधिकरण ने ईओआई जारी कर कंपनियों से ‘आइडिया’ मांगे थे कि घरेलू कूड़े को प्रोसेस कर क्या उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इसमें 8 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। अब प्राधिकरण इन आइडिया का अध्ययन कर आरएफपी जारी कर कंपनियों का चयन कर काम शुरू करेगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की मंशा ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े को 100 फीसदी प्रोसेस कर उससे जरूरी उत्पाद बनाकर उनका इस्तेमाल करने की है। इसके लिए उन्होंने सभी उपलब्ध तरीकों का अध्ययन कर उन्हें अपनाने की सीख दी है, ताकि ग्रेटर नोएडा को सबसे साफ-सुथरा शहर बनाया जा सके। यहां भविष्य में भी कूड़े के ढेर की समस्या का सामना न करना पड़े। सीईओ के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने ईओआई जारी की थी, जिसमें आठ कंपनियों ने हिस्सा लिया है। इन कंपनियों ने सोमवार और मंगलवार को अपने प्रेजेंटेशन के जरिए अपने सुझाव साझा किए। एक कंपनी ने ‘आइडिया’ दिया कि वह गाय के गोबर को प्रोसेस कर ब्रिकेट बनाएगी। इसका इस्तेमाल कोयले के विकल्प के तौर पर किया जा सकता है। एक कंपनी ने सुझाव दिया कि कूड़े को प्रोसेस कर बायोगैस बनाई जाएगी। एक कंपनी ने ब्लैक सोल्जर फ्लाई लार्वा (एक विशेष प्रकार की मक्खी) के जरिए गीले कूड़े से प्रोटीन निकालने और अवशेष को प्रोसेस करने की बात कही। एक कंपनी ने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट लगाकर प्रोसेसिंग करने की बात कही। एक कंपनी ने ई-वेस्ट को प्रोसेस करने की अपनी जानकारी साझा की। एक कंपनी बल्क वेस्ट जनरेट करने वाली संस्थाओं के कूड़े को भी प्रोसेस करने को तैयार है। एक कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की एक कॉलोनी को जीरो वेस्ट कॉलोनी बनाने का सुझाव दिया। ऐसे कई सुझावों के साथ कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह और ईवाई टीम के सामने प्रेजेंटेशन दिया। एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा कि इन सुझावों का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर सीईओ को सौंपी जाएगी। इसके बाद पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इन तरीकों को अपनाया जाएगा और लाभ-हानि का अध्ययन करने के बाद कचरे को प्रोसेस करने का फैसला लिया जाएगा। एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा है कि इन आइडिया पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने ग्रेटर नोएडा के निवासियों से शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग की अपील भी की है।