चांदीपुरा वायरस के 148 में से 59 मामलों में मौत, 51 मामलों में वायरस की पुष्टि
-बीते जून माह से बच्चों को प्रभावित कर रहे वायरस के प्रसार में कमी आने का दावा
नई दिल्ली, 1 अगस्त: गुजरात से लेकर मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में एक्टिव चांदीपुरा वायरस या एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के चलते अब तक कुल 59 लोगों ने जान गंवा दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते जून की शुरुआत से 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में एईएस के मामले सामने आ रहे हैं जिनकी संख्या बीते 31 जुलाई तक 148 हो गई है। हालांकि, सिर्फ 51 मामलों में ही चांदीपुरा वायरस (सीएचपीवी) की पुष्टि हुई है।
इस संबंध में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ अतुल गोयल और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने वीरवार को संयुक्त रूप से स्थिति की समीक्षा की। इसके अलावा गुजरात राज्य सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने और प्रकोप की विस्तृत महामारी विज्ञान जांच में मदद के लिए एक राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया दल (एनजेओआरटी) तैनात किया गया है। साथ ही एईएस मामलों की रिपोर्ट करने वाले पड़ोसी राज्यों को मार्गदर्शन देने के लिए एनसीडीसी और एनसीवीबीडीसी की ओर से एक संयुक्त सलाह जारी की जा रही है। हालांकि, बीते 19 जुलाई से एईएस के प्रतिदिन रिपोर्ट किए जाने वाले नए मामलों में गिरावट दर्ज हो रही है।
दरअसल, सीएचपीवी रैबडोविरिडे परिवार का सदस्य है और देश के पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी हिस्सों में विशेष रूप से मानसून के मौसम में छिटपुट मामलों और प्रकोपों का कारण बनता है। यह रेत मक्खियों और टिक जैसे वेक्टरों द्वारा फैलता है। वेक्टर नियंत्रण, स्वच्छता और जागरूकता ही इस बीमारी के खिलाफ उपलब्ध एकमात्र उपाय हैं। यह बीमारी ज्यादातर 15 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है और यह बुखार के साथ हो सकती है जो ऐंठन, कोमा और कुछ मामलों में मृत्यु का कारण बन सकती है।