आरएमएल की बायोकेमिस्ट्री लैब बनेगी एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब
-मान्यता मिलने के बाद लैब टेस्ट की गुणवत्ता और मरीजों के विश्वास में होगा इजाफा
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नई दिल्ली, 25 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज नेटवर्क): निजी लैब की तर्ज पर सरकारी अस्पतालों की लैब भी अब एनएबीएल यानी नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज से मान्यता प्राप्त होंगी। इसके लिए केंद्र सरकार के अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एबीवीआईएमएस) एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएलएच) ने अपनी बायोकेमिस्ट्री लैब समेत तमाम अन्य लैब को एनएबीएल से मान्यता दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस संबंध में वीरवार को एबीवीआईएमएस ऑडिटोरियम में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें एनएबीएल के निदेशक पंकज जौहरी ने डॉक्टर समुदाय को एनएबीएल से मान्यता प्राप्त लैब के लाभों से अवगत कराया। इस अवसर पर आरएमएलएच के निदेशक एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शुक्ला, डीन डॉ आरती मारिया और आरएमएल लैब के नोडल अधिकारी डॉ रवि कुमार मौजूद रहे।
डॉ रवि ने बताया कि वर्तमान में हम रोजाना 10 हजार लैब टेस्ट करते हैं जिनमें केएफटी, एलएफटी, थाइरोइड, लिपिड प्रोफाइल, महिला एवं पुरुष हार्मोन्स के साथ कैंसर की जांच शामिल रहती है। इन जांच रिपोर्ट से डॉक्टरों को मरीजों का उपचार करने में सहायता मिलती है। हालांकि, हमारी बायोकेमिस्ट्री लैब, पैथोलॉजी लैब और माइक्रो बायोलॉजी लैब से मरीजों को पिछले 10 साल से लगातार और व्यवस्थित तरीके से गुणवत्तापूर्ण जांच की सुविधा प्रदान की रही है लेकिन हमारी कार्यप्रणाली पर विशेषज्ञों की मोहर नहीं लगी थी।
डॉ रवि ने कहा, चिकित्सा निदेशक ने आरएमएल की करीब 10 लैबों को एनएबीएल से मान्यता दिलाने का निर्देश दिया है, जिसके तहत हमने सबसे पहले बायोकेमिस्ट्री की तीन लैब को मान्यता दिलाने के लिए एनएबीएल में आवेदन किया है। क्योंकि 90% जांच इसी लैब में होती हैं। इसके बाद अन्य लैब के लिए आवेदन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लैब को मान्यता मिलने के बाद लैब टेस्ट की गुणवत्ता के साथ मरीजों के विश्वास में भी इजाफा होगा। इसके साथ ही हमारी तमाम जांच रिपोर्ट संपूर्ण भारत सहित एशिया पैसिफिक क्षेत्र के अन्य देशों में भी मान्य होंगी।