Himachal Pradesh: जन संकल्प सम्मेलन में मुख्यमंत्री सुक्खू की बड़ी सौगात, करोड़ों रुपये की सहायता से लाभार्थियों को मिला सीधा लाभ

Himachal Pradesh: जन संकल्प सम्मेलन में मुख्यमंत्री सुक्खू की बड़ी सौगात, करोड़ों रुपये की सहायता से लाभार्थियों को मिला सीधा लाभ
मंडी में आयोजित जन संकल्प सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के विकास और जनकल्याण को नई गति देने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल कीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं का लोकार्पण और शुभारंभ करते हुए राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के तहत हजारों लाभार्थियों को करोड़ों रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की। मुख्यमंत्री ने सामुदायिक राहत केंद्र राहकोट थुनाग को जनता को समर्पित करते हुए कहा कि यह केंद्र आपदा के समय स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षा और त्वरित राहत का मजबूत माध्यम बनेगा।
सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने माईडीड पोर्टल का लोकार्पण किया, जिससे नागरिक सेवाओं को और अधिक सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही नक्शा योजना का शुभारंभ, डिजिटली साइनड और अपडेटेड जमाबंदी मॉड्यूल का लोकार्पण तथा भू-नक्शा 5.0 की शुरुआत की गई। ग्रामीण बैंक के नए लोगो का अनावरण भी इस कार्यक्रम का हिस्सा रहा। शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करते हुए सरकाघाट स्थित रविंद्र नाथ टैगोर राजकीय महाविद्यालय में बालिकाओं के लिए बास्केटबॉल खेल छात्रावास का लोकार्पण किया गया, जिससे छात्राओं को बेहतर आवास और खेल सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने किसानों के हित में राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत 401 लाभार्थियों के बैंक खातों में 50.63 लाख रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से भेजे। आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाते हुए चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों के प्रभावितों को 51 करोड़ 1 लाख 22 हजार 700 रुपये की विशेष राहत राशि प्रदान की गई।
युवाओं को स्वरोजगार और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत 25 युवाओं को ई-टैक्सी की सांकेतिक चाबियां सौंपी गईं। वहीं विदेशों में रोजगार प्राप्त करने वाले 21 युवाओं को एयर टिकट और वीजा प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया गया। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना और मुख्यमंत्री शगुन योजना के लाभार्थियों को भी सहायता राशि वितरित की गई, जिससे जरूरतमंद वर्गों को सामाजिक सुरक्षा का सहारा मिला।
मुख्यमंत्री ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना के अंतर्गत कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और ऊना जिलों के 10 लाभार्थियों को 10.83 लाख रुपये की सहायता प्रदान की। मंडी जिले में मुख्यमंत्री मधु मंडव विकास योजना के लाभार्थियों को 1.76 लाख रुपये दिए गए, जबकि हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के तहत भी लाभार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई। किन्नौर जिले के पांच लाभार्थियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत उनकी पारंपरिक वन भूमि पर भू-स्वामित्व पट्टों के प्रमाण पत्र सौंपे गए, जिससे उनके अधिकारों को कानूनी मान्यता मिली।
शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए मुख्यमंत्री ने श्री निवास रामानुजन स्टूडेंट्स डिजिटल योजना के तहत मेधावी छात्रों को ई-₹ वाउचर प्रदान किए। इस योजना के अंतर्गत छात्रों को लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टफोन प्राप्त करने की सुविधा दी जा रही है। वर्ष 2025 में इस योजना की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाया गया है, जिससे छात्र अपनी पसंद का डिजिटल गैजेट ई-₹ वाउचर के माध्यम से चुन सकें। इस योजना से कक्षा 10वीं और 12वीं के 8,450 टॉपर मेधावी छात्र-छात्राओं और 900 स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों को लाभ मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा और ऑनलाइन संसाधनों से जोड़ने की दिशा में राज्य सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती है और इससे प्रदेश का भविष्य और अधिक सशक्त होगा।
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