Noida Authority: नोएडा प्राधिकरण में मुआवजा घोटाले की जांच तेज, 15 साल के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका जांचेगी SIT

Noida Authority: नोएडा प्राधिकरण में मुआवजा घोटाले की जांच तेज, 15 साल के वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका जांचेगी SIT
नोएडा प्राधिकरण द्वारा गेझा, तिलपताबाद, नंगला और भूड़ा गांवों के अपात्र किसानों को लगभग 117 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने के मामले में जांच अब और व्यापक होने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा है कि पिछले 10 से 15 वर्षों में प्राधिकरण में तैनात रहे वरिष्ठ अधिकारियों—जिनमें 12 से अधिक सीईओ, एसीईओ और ओएसडी शामिल हैं—की भूमिका की पूर्ण जांच की जाएगी। अदालत ने माना कि इस स्तर की गड़बड़ी सीमित स्तर के अधिकारियों द्वारा नहीं हो सकती और आवश्यक है कि पूरी चेन की जिम्मेदारी तय की जाए। मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने यह साफ कर दिया कि जिन किसानों को अतिरिक्त भुगतान मिला, उन्हें किसी तरह की सजा नहीं दी जाएगी और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी। किसानों को जांच के दौरान परेशान न किए जाने का भी सख्त निर्देश दिया गया है।
अदालत ने किसानों की ओर से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे द्वारा उठाई गई उन चिंताओं पर भी ध्यान दिया जिसमें कहा गया था कि एसआईटी किसानों को बयान के लिए नोटिस भेज रही है। इस पर कोर्ट ने भरोसा दिलाया कि किसानों को सुरक्षा दी जाएगी और यदि भुगतान गलती से हुआ है तो वे कानूनन संरक्षण के दावेदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 13 अगस्त को एसआईटी गठित की थी ताकि यह जांच की जा सके कि किस तरह अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ मिलकर जमीन मालिकों को उनके हक से अधिक मुआवजा बांटा। 26 अक्टूबर को एसआईटी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके शुरुआती कदमों की अदालत ने सराहना की है और उम्मीद जताई है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ेगी। जांच का दायरा बढ़ने से अब सीईओ, एसीईओ, सीएलए और स्केल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी जांच के घेरे में आ जाएंगे, क्योंकि मुआवजा स्वीकृति की हर फाइल अंततः सीईओ के स्तर तक पहुंचती है। पहले की SIT रिपोर्ट में यह माना गया था कि इतनी बड़ी गड़बड़ी कुछ विधि स्तर के कर्मचारियों द्वारा संभव नहीं है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने असहमति जताई और उच्च स्तरीय जवाबदेही तय करने को कहा है। यह मामला अब नोएडा प्राधिकरण की कार्यप्रणाली और पिछले एक दशक की प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।





