Greater Noida Builders: ग्रेटर नोएडा में बायर्स के हित में बड़ा फैसला, रजिस्ट्री नहीं करने वाले बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई

Greater Noida Builders: ग्रेटर नोएडा में बायर्स के हित में बड़ा फैसला, रजिस्ट्री नहीं करने वाले बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई
नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने उन बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है जिन्होंने फ्लैट खरीदारों के नाम पर रजिस्ट्री नहीं की है और प्राधिकरण को बकाया धनराशि जमा नहीं कराई है। बोर्ड ने यह भी निर्देश दिए हैं कि ऐसे बिल्डरों से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से प्राप्त सभी रियायतें वापस ली जाएंगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष दीपक कुमार ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी बिल्डर को समय देने का कोई लाभ नहीं है। बोर्ड ने ऐसे एक दर्जन बिल्डरों के नाम लिए हैं, जिनमें एवीजे डेवलपर्स सेक्टर बीटा टू, एमएसएक्स रियलटेक सेक्टर अल्फा वन, ज्योतिर्मय इंफ्राकॉन सेक्टर-16सी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग सेक्टर-1 और एलिगेंट इंफ्राकॉन सेक्टर टेकजोन-4 शामिल हैं। बोर्ड ने बिल्डरों पर कार्रवाई के दौरान खरीदारों के हितों को प्राथमिकता देने का भी निर्देश दिया।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के तहत रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स को पूरा कराने के लिए 98 में से 85 बिल्डरों को राहत दी गई थी। इन परियोजनाओं के पूरा होने से लगभग 18 हजार फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री हुए हैं। हालांकि, बाकी 13 बिल्डरों ने अब तक खरीदारों के नाम रजिस्ट्री कराने में कोई कदम नहीं उठाया है। ऐसे बिल्डरों के खिलाफ अब बोर्ड ने कार्रवाई को मंजूरी दे दी है।
साथ ही, ग्रेटर नोएडा में युवाओं के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए टूल रूम शुरू करने की योजना भी बोर्ड ने अनुमोदित की है। भारत सरकार की योजना के तहत सेक्टर ईकोटेक 8 में 15 एकड़ जमीन पर निर्माणाधीन इस टूल रूम का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस सेंटर में 8 से 10 हजार युवाओं को विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि उन्हें ग्रेटर नोएडा और आसपास के उद्योगों में रोजगार के अवसर आसानी से मिल सकें।
बोर्ड ने टूल रूम के कंपलीशन के लिए समय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव भी स्वीकार किया है, जिससे प्रशिक्षण कार्यक्रम जल्द शुरू किए जा सकें। यह कदम न केवल युवाओं की स्किल डेवलपमेंट में मदद करेगा, बल्कि क्षेत्र में उद्योगों के लिए योग्य और प्रशिक्षित कार्यबल उपलब्ध कराएगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के इस निर्णय से यह साफ संकेत मिलता है कि बिल्डरों को अब रियायतों का लाभ उठाने के लिए खरीदारों के हितों को नजरअंदाज करने की अनुमति नहीं है। साथ ही, युवाओं के लिए रोजगार सृजन और तकनीकी दक्षता बढ़ाने के प्रयास भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।





