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Delhi Police Constable: दिल्ली पुलिस कांस्टेबल सोनिका यादव ने 7 महीने की गर्भावस्था में 145 किलो वजन उठाकर रचा इतिहास, जीता कांस्य पदक

Delhi Police Constable: दिल्ली पुलिस कांस्टेबल सोनिका यादव ने 7 महीने की गर्भावस्था में 145 किलो वजन उठाकर रचा इतिहास, जीता कांस्य पदक

रिपोर्ट: हेमंत कुमार

दृढ़ संकल्प और महिला शक्ति की अदम्य मिसाल पेश करते हुए दिल्ली पुलिस की कांस्टेबल सोनिका यादव ने सात महीने की गर्भावस्था के दौरान ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग क्लस्टर चैंपियनशिप में 145 किलोग्राम वजन उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न केवल पुलिस बल बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया है। आंध्र प्रदेश में आयोजित ऑल इंडिया पुलिस वेटलिफ्टिंग क्लस्टर 2025-26 प्रतियोगिता के दौरान जब सोनिका मंच पर उतरीं, तो किसी को यह अंदाज़ा नहीं था कि यह प्रतियोगी सात माह की गर्भवती हैं।

उन्होंने 125 किलो स्क्वैट्स, 80 किलो बेंच प्रेस और 145 किलो डेडलिफ्ट उठाकर दर्शकों और निर्णायकों को हैरान कर दिया। जब उनका कुल स्कोर घोषित हुआ और वे कांस्य पदक विजेता बनीं, तो पूरा ऑडिटोरियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सोनिका यादव की इस जीत के पीछे वर्षों की मेहनत, अनुशासन और दृढ़ इच्छाशक्ति की कहानी छिपी है। 2014 बैच की यह बहादुर कांस्टेबल दिल्ली पुलिस में अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। मजनू का टीला क्षेत्र में तैनाती के दौरान उन्होंने नशीले पदार्थों के खिलाफ चलाए गए अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

वर्तमान में वह कम्युनिटी पुलिसिंग सेल में सेवा दे रही हैं, जहां उनका कार्य महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों से जुड़ी समस्याओं के समाधान पर केंद्रित है। सोनिका का कहना है कि मातृत्व और शक्ति एक-दूसरे के पूरक हैं, और यदि मन में दृढ़ता हो तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती। उनके इस प्रदर्शन ने पूरे देश की महिलाओं को यह संदेश दिया है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, साहस और लगन के बल पर हर बाधा को पार किया जा सकता है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सोनिका की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सोनिका यादव की यह जीत न केवल खेल जगत के लिए बल्कि समाज में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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