
नई दिल्ली, 13 अक्तूबर :कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) एक जीवन रक्षक और महत्वपूर्ण आपातकालीन प्रक्रिया है जो गंभीर हृदय संबंधी मामलों में जीवन रक्षा की संभावनाओं को बेहतर बनाती है। इस संबंध में समाज में जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सीपीआर जागरूकता सप्ताह की शुरुआत की है जिसका उद्घाटन स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सोमवार को किया।
इस अवसर पर श्रीवास्तव ने कहा, केवल हाथों से सीपीआर करने की सरल क्रिया, पेशेवर मदद आने तक महत्वपूर्ण अंगों तक रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन बनाए रख सकती है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा, भारत में अचानक होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक हृदय गति रुकना है, और लगभग 70% ऐसे मामले अस्पताल के बाहर होते हैं, जहां तत्काल चिकित्सा सहायता अक्सर उपलब्ध नहीं होती है। ऐसे में सीपीआर प्रशिक्षण प्रत्येक नागरिक के लिए जरुरी है ताकि कार्डियक अरेस्ट होने या दिल का दौरा पड़ने पर वह सीपीआर जैसे चिकित्सकीय कौशल के माध्यम से पीड़ित की जान बचा सके। सीपीआर जागरूकता अभियान 17 अक्तूबर तक जारी रहेगा।
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