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Digital Arrest Scam: दिल्ली पुलिस ने “डिजिटल अरेस्ट” साइबर घोटाले का किया भंडाफोड़

Digital Arrest Scam: दिल्ली पुलिस ने “डिजिटल अरेस्ट” साइबर घोटाले का किया भंडाफोड़

रिपोर्ट: हेमंत कुमार

दिल्ली पुलिस के सेंट्रल जिले की साइबर टीम ने “डिजिटल अरेस्ट” नामक एक बड़े पैन-इंडिया साइबर ठगी सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह ने देशभर में लोगों को फोन पर डराकर करोड़ों रुपये ठगे थे। टीम ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के हापुड़ तथा ग्रेटर नोएडा से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई एक महिला की शिकायत पर हुई, जिससे 19 लाख रुपये ठगे गए थे।

महिला को फोन कर खुद को एनसीबी अधिकारी बताने वाले ठगों ने कहा कि उनका आधार कार्ड एक अपराध में इस्तेमाल हुआ है। फिर उन्हें स्काइप पर फर्जी आईडी कार्ड और सरकारी लेटर दिखाकर धमकाया गया। डर के माहौल में महिला से 19 लाख रुपये उनके बताए खातों में जमा करा लिए गए।

साइबर पुलिस ने जब छापेमारी की, तो 14 मोबाइल फोन, 40 चेकबुक, 33 सिम कार्ड, 15 कंपनी स्टैंप, 22 स्टैंप पेपर, 19 डेबिट कार्ड, 14 पैन कार्ड, 7 डिजिटल सिग्नेचर, इंटरनेट बैंकिंग की, कार्ड स्वैप मशीन, बैंक स्कैनर और एक लग्जरी कार जब्त की। जांच में पता चला कि इन चेकबुक से जुड़े बैंक खाते 473 अलग-अलग शिकायतों में उपयोग किए गए थे, जिनमें से 24 केस सिर्फ दिल्ली के हैं।

यह ऑपरेशन एसीपी सुलेखा जगड़वार के निर्देशन और इंस्पेक्टर संदीप पनवर की नेतृत्व में चलाया गया। टीम ने टेक्निकल सर्विलांस और इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर गिरोह का नेटवर्क तोड़ा। जांच में सामने आया कि आरोपी फर्जी शेल कंपनियां बनाकर बैंक खाते खोलते थे और इन्हें धोखाधड़ी के पैसे ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल करते थे।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान लोकेश गुप्ता, मनोज चौधरी, मोहित जैन उर्फ रिंकू, केशव कुमार और सैफ अली के रूप में हुई है। इनमें मोहित जैन के खिलाफ पहले से ही कई साइबर फ्रॉड के केस दर्ज हैं। ये गिरोह लोकेाज इनोवेशन और अजलोके सॉफ्टवेयर नाम की शेल कंपनियां चलाकर ठगी का पैसा इकट्ठा करता था। मोहित को हर ट्रांजैक्शन पर 2-3% कमीशन मिलता था।

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