उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा प्राधिकरण की 219वीं बोर्ड बैठक : विकास और पारदर्शिता पर बड़े फैसले
उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा प्राधिकरण की 219वीं बोर्ड बैठक : विकास और पारदर्शिता पर बड़े फैसले

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा प्राधिकरण की 219वीं बोर्ड बैठक शुक्रवार को चेयरमैन एवं औद्योगिक विकास आयुक्त नितिन कुमार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकश एम. सहित प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में शहर के विकास, पारदर्शिता और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए।
बैठक में बताया गया कि प्राधिकरण की 57 परियोजनाओं में से 35 परियोजनाओं ने 25% निर्धारित राशि जमा कराई है, जिससे लगभग 556 करोड़ रुपये की वसूली हुई। जबकि 10 परियोजनाओं ने सहमति देने के बाद भी भुगतान नहीं किया। प्राधिकरण ने साफ किया कि भविष्य में किसी भी परियोजना को अतिरिक्त समयसीमा नहीं दी जाएगी। साथ ही विभिन्न विभागों के कार्यों को और पारदर्शी बनाने के लिए e-tendering सिस्टम को और सरल और प्रभावी किया जाएगा। परियोजनाओं की मॉनिटरिंग और भुगतान प्रक्रिया में भी पारदर्शिता बढ़ाने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह तय किया गया कि 12 साल से अधिक समय तक खाली पड़े आवासीय भूखंड निरस्त कर दिए जाएंगे। वहीं, आंशिक रूप से निर्मित प्लॉट्स को निर्माण पूरा करने के लिए 6 माह का अंतिम अवसर दिया जाएगा।
कचरा प्रबंधन को मजबूती
शहर में 300 TPD क्षमता का Integrated Municipal Solid Waste Management Plant स्थापित करने को मंजूरी दी गई। इससे नगर की स्वच्छता व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। वहीं
NGT और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों के तहत सेक्टर-50, 54, 123 और 168 के STPs का रेट्रोफिटिंग किया जाएगा। करीब 88 करोड़ रुपये की लागत से 133 MLD क्षमता वाले इन संयंत्रों का उन्नयन होगा।
नालों की सफाई और प्रदूषण नियंत्रण
शहर के 24 नालों में प्रदूषण स्तर कम करने के लिए FBAS तकनीक अपनाई जाएगी। इस योजना को NEERI और CPCB से स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही।सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सेक्टर-143 में पुलिस थाना निर्माण हेतु 4000 वर्गमीटर भूमि आवंटित की गई।
शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं को मंजूरी
यूनिफाइड रेगुलेशंस 2025 के तहत कॉलेज, सीनियर सेकेंडरी स्कूल और नर्सिंग होम जैसे संस्थानों की योजनाओं को भी हरी झंडी दी गई। बैठक के बाद अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण विकास कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता से कोई समझौता नहीं करेगा।