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उत्तर प्रदेश,नोएडा: बाल चिकित्सालय में न्यूरो सहित तीन विभाग बंद

उत्तर प्रदेश,नोएडा: बाल चिकित्सालय में न्यूरो सहित तीन विभाग बंद

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश,नोएडा। बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान में न्यूरो और यूरोलॉजी विभाग एक साल से ज्यादा समय से बंद हैं। वहीं नेफ्रोलॉजी विभाग अस्पताल बनने से अब तक शुरू ही नहीं हो पाया है। ऐसे में इलाज के लिए सैकड़ों मरीजों को दिल्ली और निजी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। सेक्टर-30 स्थित बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान (चाइल्ड पीजीआई) में वर्ष 2023 अक्टूबर से न्यूरो विभाग बंद है। इसी तरह यूरोलॉजी विभाग भी शुरू नहीं हो पाया है। इन विभागों के डॉक्टरों के बांड खत्म होने के बाद से चाइल्ड पीजीआई को डॉक्टर नहीं मिले। दोनों विभाग में प्रतिदिन 80 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते थे, जो अब निजी और दिल्ली के अस्पतालों में इलाज के लिए जा रहे हैं। बंद होने से पहले दोनों विभाग में 3000 से अधिक मरीज फॉलोअप पर थे। इन दोनों विभाग के अलावा किडनी के इलाज से संबंधित नेफ्रोलॉजी विभाग अस्पताल बनने के बाद से सही शुरू नहीं हो पाया है। इस विभाग के एक मरीज भी नहीं देखे गए हैं। यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर इन मरीजों को पहले देखा करते थे। वर्तमान में न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी और नेफ्रोलॉजी विभाग के सामान्य मरीज ही दूसरे विभाग के डॉक्टर देखते हैं। इन बीमारियों के विशेषज्ञ डॉक्टरों के अभाव में गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। बाल चिकित्सालय के निदेशक डॉ. एके सिंह बताते हैं कि इन चिकित्सकीय विभागों के डॉक्टरों की भर्ती के लिए साक्षात्कार आयोजित कराए जाते हैं, लेकिन डॉक्टर मिल नहीं पाए। इन विभागों के लिए दोबारा नियुक्ति के लिए साक्षात्कार होंगे। ताकि जल्द से जल्द तीनों चिकित्सकी विभागों में मरीजों का इलाज शुरू हो सके।

दो महीने में कई सुविधाएं मिलेंगी

बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान में दो महीने के अंदर कई सुविधाएं मिलने वाली हैं, जिसमें से हृदय रोग विभाग के लिए कैथ लैब, जेनेटिक्स विभाग से संबंधित जांच की मशीन आदि शामिल हैं। वहीं डेंटल, पैथोलॉजी, माइक्रोबायलॉजी, सहित चार विभागों का विस्तार भी होना है। इसमें भी करीब दो महीने का समय लगने की संभावना है। इनके अलावा सात मंजिला भवन की मरम्मत के बाद कई अन्य विभागों की शिफ्टिंग भी इसमें हो सकती है।

जिला अस्पताल का भवन खाली पड़ा है

बाल चिकित्सालय के अधीन पुराने जिला अस्पताल का तीन मंजिला भवन भी खाली पड़ा हुआ है। इसमें आपातकालीन विभाग के विस्तार की तैयारी है, हालांकि अभी यह भवन बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान को हैंड ओवर नहीं हुआ है। इस भवन के मिलने के बाद बाल चिकित्सालय में जगह की कमी नहीं होगी, जिससे सभी विभागों का विस्तार हो सकेगा। वर्तमान में कई चिकित्सकीय विभाग ऐसे हैं, जो महज एक कमरे में ही चल रहे हैं। जिला अस्पताल के भवन मिलने से ऐसे विभागों के कार्यों में भी तेजी आएगी।

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