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Sweet Zannat MMS : विवाद वायरल 19 मिनट का वीडियो पूरी तरह फेक, इंफ्लुएंसर ने खुद बताया सच

Sweet Zannat MMS : विवाद वायरल 19 मिनट का वीडियो पूरी तरह फेक, इंफ्लुएंसर ने खुद बताया सच

नवंबर 2025 में सोशल मीडिया पर एक कथित 19 मिनट 34 सेकंड लंबा MMS वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि यह एक इंस्टाग्राम कपल का प्राइवेट मोमेंट है। X, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर वीडियो के पार्ट्स शेयर किए गए, और इसे असली बताकर फर्जी सनसनी फैलाई गई। फैक्ट चेक से पता चला कि वीडियो AI-जनरेटेड डीपफेक है और इसमें दिखाया गया कोई भी कंटेंट असली नहीं है।

वायरल वीडियो के कारण मुख्य भ्रम तब पैदा हुआ जब लोगों ने मेघालय के महेंद्रगंज की लोकल इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर Sweet Zannat को वीडियो की हीरोइन मान लिया। Sweet Zannat, जिनका यूजरनेम @sweet_zannat_12374 है, ने 28 नवंबर को खुद क्लैरिफिकेशन वीडियो पोस्ट कर स्पष्ट किया कि वीडियो और वायरल आरोप पूरी तरह फेक हैं। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि उनके 12वीं पास होने के बावजूद लोग उन्हें इस वीडियो से जोड़ रहे हैं और उन्होंने चेहरा देखकर ही असली और फेक को अलग कर दिया।

फैक्ट चेक में सामने आया:

  • दावा: 19 मिनट का MMS असली है → सच्चाई: फेक, AI डीपफेक।
  • दावा: Sweet Zannat वही लड़की है → सच्चाई: गलतफहमी, वीडियो की लड़की अलग।
  • दावा: वीडियो मेघालय से है → सच्चाई: आंशिक सत्य, लेकिन Sweet Zannat का वीडियो से कोई कनेक्शन नहीं।

इस घटना ने साइबर सुरक्षा और सोशल मीडिया लिटरेसी की जरूरत को उजागर किया। साइबर सेल ने चेतावनी दी कि डीपफेक वीडियो बनाना और शेयर करना IT एक्ट 66E के तहत 3 साल जेल का अपराध है। महिलाओं पर साइबर बुलिंग के मामले 70% तक बढ़ गए हैं।

इस घटना ने स्पष्ट किया कि वायरल कंटेंट = सच्चाई नहीं होता। Sweet Zannat की हिम्मत ने भ्रम दूर किया, लेकिन सवाल यह है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डीपफेक के शिकार कितने लोग होते रहेंगे।

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