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Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण पर कड़ा नियंत्रण, ग्रेप-3 के तहत उठाये गए सख्त कदम

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर कड़ा नियंत्रण, ग्रेप-3 के तहत उठाये गए सख्त कदम

रिपोर्ट: हेमंत कुमार

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने गंभीर कदम उठाए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इस सर्दी के मौसम में पहली बार प्रदूषण का स्तर 400 के पार चला गया, और 14 अक्टूबर के बाद से यह “पुअर” और “वेरी पुअर” की श्रेणी में था। दो दिनों में यह स्तर “सिवियर” श्रेणी तक पहुंच गया। गोपाल राय ने पर्यावरण वैज्ञानिकों के साथ ग्रीन वॉर रूम में बैठक की और सभी संबंधित विभागों को ग्रेप-3 के निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया। उन्होंने बताया कि प्रदूषण बढ़ने के दो प्रमुख कारण हैं: पहाड़ों पर बर्फबारी से तापमान में गिरावट और हवा की गति में कमी।

गोपाल राय ने कहा कि हवा की गति में सुधार का अनुमान है, जिससे प्रदूषण में कमी आने की संभावना है। हालांकि, सीएसीएम की बैठक में निर्णय लिया गया कि दिल्ली में ग्रेप-3 का पालन सख्ती से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार के प्रयासों के बावजूद, अन्य राज्यों का योगदान भी प्रदूषण में अहम है। सीएसई द्वारा 12 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच किए गए विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली का योगदान प्रदूषण में 30.34% है, जबकि एनसीआर के जिलों का योगदान 34.97% और एनसीआर से सटे जिलों का 27.94% है।

गोपाल राय ने कहा कि अगर दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करना है, तो केंद्र और आसपास के राज्यों को मिलकर एक संयुक्त एक्शन प्लान बनाना होगा। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 80% की कमी आई है, लेकिन यूपी में यह घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में केवल दिल्ली का योगदान नहीं है, बल्कि पूरे एनसीआर और उसके आसपास के राज्यों की भी समान जिम्मेदारी है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए चारों सरकारों को मिलकर काम करना होगा।

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