यूनीटेक बिल्डर के 3 भूमि पार्सल ले आउट को मंजूरी
यूनीटेक बिल्डर के 3 भूमि पार्सल ले आउट को मंजूरी

अमर सैनी
नोएडा।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण ने यूनिटेक परियोजना के तीन भूमि पार्सल के लेआउट को मंजूरी दे दी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक साल पुराने आदेश को संशोधित किया। जिसमें उसने नोएडा प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वह यूनिटेक को आवंटित पूरी जमीन पर संशोधित ले आउट योजनाओं को मंजूरी बिना बकाया वसूली के दे। यूनिटेक पर करीब 11 हजार करोड़ रुपए का बकाया है।
26 अप्रैल को अपने नए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को बकाया राशि पर जोर न देने के अलावा यूनिटेक को दी गई कुल भूमि को दो खंडों में विभाजित किया। एक जहां घर खरीदारों को फ्लैट और प्लॉट आवंटित किए गए हैं। दूसरा जहां परियोजनाएं अभी बाकी हैं लॉन्च होनी है। प्राधिकरण को पहले खंड के ले आउट को मंजूरी देने का निर्देश दिया गया था। जहां परियोजनाएं 31 मई तक लॉन्च की गई थीं।प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, यूनिटेक के पास तीन खंडों में 443 एकड़ जमीन है। 246 एकड़ पर परियोजनाओं के लिए लेआउट की मंजूरी दी गई है। जबकि दूसरे खंड में 197 एकड़ जमीन खाली है। सेक्टर 96, 97, और 98 में, यूनिटेक ने तीन परियोजनाएं शुरू की थीं इसमें एम्बर, बरगंडी, और विलो 1 और 2 शामिल है। इन परियोजनाओं में 638 घर खरीदार हैं, जिनमें से 178 ने रिफंड मांगा था। नोएडा प्राधिकरण ने 164 एकड़ भूमि पर 818 इकाइयों को मंजूरी दे दी है, जबकि दूसरे खंड में 180 एकड़ जमीन खाली है। सेक्टर 113 में डेवलपर ने यूनिहोम्स 3 लॉन्च किया, जिसके 1,621 घर खरीदार हैं। इनमें से 941 ने रिफंड मांगा है। नोएडा प्राधिकरण ने 26.5 एकड़ में 1,751 इकाइयों को मंजूरी दे दी है। जिसमें लगभग 9 एकड़ जमीन खाली पड़ी है। सेक्टर 117 में, डेवलपर ने एक्सक्विसाइट, द रेजिडेंस, यूनीहोम्स 1 और 2, यूनीवर्ल्ड और गार्डन लॉन्च किए, जिसमें 3,327 घर खरीदार शामिल थे, जिनमें से 1,036 ने रिफंड मांगा है। प्राधिकरण ने 56 एकड़ में 3,728 इकाइयों को मंजूरी दी है, जबकि दूसरे खंड में 8.7 एकड़ जमीन खाली छोड़ी गई है।
प्राधिकरण चाहता था उसे खाली जमीन वापस मिले
अप्रैल के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने खाली भूमि पार्सल के बारे में नोएडा प्राधिकरण की चिंताओं पर विचार किया। प्राधिकरण चाहता था कि यूनिटेक समूह खाली भूमि को वापस कर दे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खाली ज़मीन पर बाद में निर्णय लिया जाएगा। ये मामला बकाया राशि, सरकार द्वारा नियुक्त बोर्ड और शीर्ष अदालत में चल रहे एक अन्य मामले की सुनवाई के बाद तय किया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को बकाया राशि पर जोर दिए बिना यूनिटेक परियोजनाओं के संशोधित नक्शा को मंजूरी देने का निर्देश दिया था। यूनिटेक ने मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पूंजी और संसाधन उत्पन्न करने के लिए खाली क्षेत्रों में नए टावर और प्लॉट किए गए मकान बनाने का प्रस्ताव रखा।