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अपनी मातृभूमि पर योगी सरकार के साथ मिलकर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, कला अकादमी, कन्या इण्टर कॉलेज बना रहे यूपी वाले

अपनी मातृभूमि पर योगी सरकार के साथ मिलकर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, कला अकादमी, कन्या इण्टर कॉलेज बना रहे यूपी वाले

उत्तर प्रदेश मातृ भूमि योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश के गांव बन रहे आत्मनिर्भर और आधुनिक

लखनऊ के साथ बुलन्दशहर, उन्नाव, बिजनौर, बागपत समेत कई जिलों में लोग संवार रहे अपनी मातृभूमि

सीएम योगी के निर्देश पर इस तरह की 16 योजनाएं की जा चुकी हैं पूरी, 18 योजनाएं निर्माणाधीन

मातृभूमि योजना में 60 फीसदी दानकर्ता और 40 फीसदी सरकार करती है सहयोग

लखनऊ, 18 मई : योगी सरकार की मातृभूमि योजना के तहत प्रदेश के लोग अब सरकार के साथ मिलकर अपने गांव और कस्बों को हाईटेक तरीके से संवार रहे हैं। योजना के तहत यूपी वाले अपनी मातृभूमि पर योगी सरकार के साथ मिलकर स्पोर्ट कॉम्पलेक्स, कला अकादमी, कन्या इण्टर कॉलेज बना रहे हैं। इस योजना से लखनऊ, बुलन्दशहर, उन्नाव, बिजनौर, बागपत समेत तमाम जिलों में विकास की रफ्तार तेज हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब तक 16 योजनाएं पूरी की जा चुकी हैं। जबकि 18 निर्माणाधीन और 26 संभावित योजनाएं हैं।

बुलन्दशहर में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स 80 प्रतिशत तैयार, उन्नाव में कला अकादमी के निर्माण कार्य ने पकड़ी रफ्तार

मातृ भूमि योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य हो चुके हैं। इसके अलावा कई योजनाओं के कार्य प्रगति पर हैं। इस योजना के अंतर्गत बुलन्दशहर में स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का निर्माण कार्य करीब 80 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा उन्नाव में कला अकादमी का निर्माण कार्य 40 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। ऐसे ही बिजनौर में कन्या इंटर कॉलेज के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। उधर, बागपत में सीसी रोड का निर्माण कार्य, लखनऊ में हाईमास्ट लाइट समेत कार्य पूरे प्रदेश में हो रहे हैं।

अपने गांव के विकास में बन रहे भागीदार

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यदि कोई व्यक्ति अपने गांव में सार्वजनिक निर्माण कार्य करवाना चाहता है, तो उसे 60 फीसदी राशि खर्च करनी होगी। शेष 40 फीसदी राशि राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। इसके लिए व्यक्ति को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होता है। योजना का उद्देश्य है कि जो लोग प्रदेश से बाहर या विदेशों में रह रहे हैं, वे अपने गांव के विकास में भागीदार बन सकें।
इस योजना में भाग लेने वाले व्यक्ति का नाम उस निर्माण कार्य के पास लगे शिलापट्ट पर दर्ज किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां भी उनके योगदान को याद रखें। यह योजना न केवल गांवों का कायाकल्प कर रही है, बल्कि लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ रही है।

ये कार्य करवाए जा सकते हैं

सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, लाइब्रेरी, खेल मैदान, ओपन जिम, शुद्ध पेयजल के लिए आरओ प्लांट, सोलर लाइट, हाईमास्ट लाइट, सीसीटीवी कैमरे, सीवर कार्य, दूध डेयरी, अग्निशमन केंद्र, बस स्टैंड, यात्री शेड, शौचालय, कौशल विकास केंद्र, पशु प्रजनन केंद्र, श्मशान घाट।

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