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रैपिड रेल के साथ 9 रूट पर चलेंगी फीडर बस

रैपिड रेल के साथ 9 रूट पर चलेंगी फीडर बस

अमर सैनी

नोएडा।गाजियाबाद से नोएडा एयरपोर्ट तक प्रस्तावित रैपिड रेल कॉरिडोर के साथ फीडर बस चलाने की प्लान है। ये बस दो फेज में नौ रूट पर चलाई जाएंगी। ये प्लान इसलिए तैयार किया गया ताकि रैपिड कॉरिडोर से 3 किमी के बाहर रिहाइशी और इंडस्ट्रियल एरिया को कवर किया जा सके। आने वाले समय में यहां तेजी से जनसंख्या बढ़ेगी। इस योजना को लास्टमाइल कनेक्टिविटी के तहत लॉन्च किया जा रहा है। बता दे आगामी पांच सालों में रैपिड रेल का संचालन होगा। ये हजारों लोगों को फायदा देगी।

एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने गाजियाबाद स्टेशन से नोएडा एयरपोर्ट तक 72 किमी लंबे रैपिड रेल कॉरिडोर पर प्रस्तावित 22 स्टेशन में से नौ रूट पर फीडर बस चलाने की प्लानिंग की है। इसके पहले फेज में गाजियाबाद स्टेशन से इकोटेक VI तक छह बस रूट और इकोटेक VI से जेवर एयरपोर्ट तक तीन रूट प्लान किए गए।नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) के अनुसार रैपिड रेल का पहला फेज 39 किमी लंबा है। इसमें 11 मेट्रो स्टेशन है। ये लाइन मुख्य रूप से गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के उन हिस्सों को कवर करता है जो पहले से ही विकसित हैं और अधिक जनसंख्या वाले है। ऐसे में पहले फेज में छह बस रूट को प्लान किया गया ये गाजियाबाद स्टेशन और इकोटेक VI के बीच है।

गाजियाबाद साउथ स्टेशन से डासना

ग्रेटर नोएडा सेक्टर 2 स्टेशन से एक्वा लाइन सेक्टर 76 मेट्रो स्टेशन
मलकपुर स्टेशन से दादरी मुख्य सड़क होते हुए नोएडा एक्सप्रेस वे पर सेक्टर 93
नॉलेज पार्क 3 स्टेशन से यूपीएसआईडीसी साइट 4
ज़ेटा 1 जीएनआईडीए सेक्टर पीआई-I और II से इकोटेक VI तक।

आरआरटीएस के दूसरे फेज में तीन बस रूट किए प्लान
आरआरटीएस के दूसरे खंड के लिए केवल तीन बस रूट प्लान किए गए। इसकी वजह है कि ये रूट जेवर एयरपोर्ट तक 32.9 किमी लंबा तो है लेकिन इसका हिस्से कुछ एक सोसाइटी और ग्रामीण इलाकों से होकर जा रहा है।दनकौर स्टेशन से सिकंदरा बाद होते हुए गौतमबुद्ध इंटरनेशनल सर्किट यमुना प्राधिकरण सेक्टर 18 से बी आई सी तक, यमुना एक्सप्रेस गौर यमुना सिटी से येड सेक्टर 21।

फीडर बस की इस तरह बढ़ेगी उपयोगिता
इस साल के अंत तक नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू होने और आरआरटीएस के आस पास आवासीय और डेटा सेंटर हब के रूप में बनना शुरू हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि आरआरटीएस से आने जाने के लिए इन संस्थानों से आने वाले लोग इन बस का प्रयोग कर आसानी स्टेशन तक पहुंच सकेंगे। साथ ही उनको लास्ट माइल कनेक्टिविटी से भी जोड़ा जा सकेगा।

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