
नई दिल्ली, 23 सितम्बर: केंद्र सरकार का ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ एकीकृत महिला एवं परिवार स्वास्थ्य पहुंच के एक मॉडल के रूप में देश भर में धूम मचा रहा है। इस अभियान में सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस), शामिल के डॉक्टरों, नर्सों और विशेषज्ञों की टीमें इसे आगामी 2 अक्टूबर तक देशभर में जारी रखेंगी।
दरअसल, एएफएमएस अपने आदर्श वाक्य सर्वे संतु निरामया के तहत एक महत्वपूर्ण योगदान कर्ता के रूप में उभरी हैं। इसके सेवा अस्पताल न केवल सैन्य कर्मियों और उनके परिवारों के बीच, बल्कि जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व के दूर-दराज के क्षेत्रों में नागरिक समुदाय के लिए भी अभियान की निवारक, प्रोत्साहन कारी और उपचारात्मक सेवाओं को लागू करने में मदद कर रहे हैं। बल्कि विभिन्न चिकित्सा शिविरों के माध्यम से स्वास्थ्य जांच, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्तन, गर्भाशय ग्रीवा और मुख कैंसर जैसी गैर-संचारी बीमारियों की जांच कर रहे हैं।
इन शिविरों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, जिसमें प्रसवपूर्व देखभाल, पोषण परामर्श और टीकाकरण शामिल है, पर विशेष जोर दिया जा रहा है। अन्य स्वास्थ्य पहलों में मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता अभियान, किशोर स्वास्थ्य पर सत्र और विभिन्न सेवा मुख्यालयों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर स्कूली बच्चों के लिए पोषण सत्र शामिल हैं। रक्तदान शिविर और अंग एवं रक्तदान पर जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। चूंकि एक स्वस्थ महिला एक स्वस्थ, सशक्त परिवार और एक लचीले राष्ट्र की आधारशिला है।
वर्तमान रिपोर्टिंग अवधि तक, 60 से अधिक स्वास्थ्य शिविरों में लगभग 30,000 महिलाओं को सेवा अस्पतालों के माध्यम से लाभान्वित किया जा चुका है। स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान ना सिर्फ विकसित भारत 2047 का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है,बल्कि सैन्य चिकित्सा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के बीच तालमेल का भी प्रतीक है।