Almora Bus Accident: उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बड़ा हादसा, यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, 36 लोगों की मौत

उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बड़ा हादसा: यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, 36 लोगों की मौत
उत्तराखंड में कुमाऊं की खूबसूरत वादियों से दिल दहला देने वाली घटना की खबर सामने आई है। अल्मोड़ा जिले के मार्चुला इलाके में सोमवार की सुबह एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। इस बस में लगभग 50 यात्री सवार थे, जो नैनी डांडा से रामनगर की ओर जा रहे थे। हादसे में अब तक 36 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है, जबकि कई अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
हादसे की जानकारी और घटनास्थल का मंजर
बस पहाड़ी रास्ते से गुजर रही थी और अचानक अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। नीचे नदी के किनारे तक गिरी बस के चारों ओर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोग सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और अपनी क्षमता के अनुसार घायलों को खाई से निकालने लगे। मृतकों और घायलों की चीखों से माहौल भयावह हो गया था।
प्रशासन और रेस्क्यू ऑपरेशन
हादसे की सूचना मिलते ही अल्मोड़ा के एसएसपी और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। आपात स्थिति को देखते हुए एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की तीन टीमें तुरंत राहत कार्य के लिए मौके पर भेजी गईं। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम भी जल्द ही घटनास्थल पर पहुंची और बचाव कार्यों में जुट गई। प्रशासन की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राहत कार्यों पर निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने सचिव, आपदा प्रबंधन आयुक्त, कुमाऊं मंडल के आयुक्त और अल्मोड़ा के डीएम से फोन पर बात कर हादसे की पूरी जानकारी ली। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बचाव और राहत कार्य में कोई कमी न रहे। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
घायलों का इलाज और गंभीर रूप से घायल यात्रियों का उपचार
घटना में गंभीर रूप से घायल कुछ यात्रियों को तत्काल ऋषिकेश के एम्स अस्पताल भेजा गया है। अन्य घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। प्रशासन और बचाव दल लगातार घटनास्थल पर तैनात हैं, ताकि बचाव कार्य बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके।
स्थानीय लोगों की सहायता और माहौल की संवेदना
घटनास्थल पर स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य में प्रशासन का साथ दिया। वे घायलों और मृतकों को खाई से निकालने में जुटे हुए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हादसे के बाद का मंजर इतना दर्दनाक था कि किसी का भी दिल दहल जाए। परिजनों के रोने और चीखने की आवाजें आसपास के माहौल में भी गूंज रही थीं, जिसने पूरी स्थिति को और संवेदनशील बना दिया।
इस हृदय विदारक हादसे से पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर दौड़ गई है। कुमाऊं की इन खूबसूरत वादियों में हुए इस हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन और मुख्यमंत्री के निर्देशों के तहत राहत कार्य जारी हैं, लेकिन इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया है।