Noida Police: नोएडा पुलिस ने फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

Noida Police: नोएडा पुलिस ने फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
नोएडा। ग्रेटर नोएडा के थाना बिसरख पुलिस ने एक बड़े जीएसटी चोरी और सरकारी राजस्व हानि करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस संगठित गिरोह के दो सदस्यों — प्रवीन कुमार पुत्र मोमराज सिंह और सतेन्द्र सिंह पुत्र बनी सिंह — को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से कूट रचित दस्तावेज, फर्जी सील, मोहर, आधार कार्ड, चेकबुक, बैंक अकाउंट ओपनिंग फॉर्म और अन्य सामान बरामद किए गए हैं।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पुलिस टीम ने ग्राम पतवाड़ी से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। जांच में खुलासा हुआ कि इन लोगों ने पिछले पांच वर्षों से फर्जी फर्म बनाकर सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाने की साजिश रची थी। आरोपी बैंक ऑफ इंडिया की गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर की विभिन्न शाखाओं में जाली आधार कार्ड, पैन कार्ड और किरायानामा का इस्तेमाल कर फर्जी उद्यम और जीएसटी पंजीकरण कराते थे। इसके बाद वे उन फर्मों के नाम पर चालू खाते खुलवाते और अवैध रूप से जीएसटी रिफंड की राशि प्राप्त कर अन्य खातों में ट्रांसफर कर देते थे।
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने अब तक छह फर्जी फर्मों के नाम पर खाते खुलवाए —
- M/s Ridhi Sidhi Enterprises, हरसाव शाखा (गाजियाबाद)
- M/s Bhawani Impex, सेक्टर 50, नोएडा
- M/s Jhalak Enterprises, हरसाव शाखा (गाजियाबाद)
- M/s Gaurav Enterprises, महरौली शाखा (गाजियाबाद)
- M/s Damini India International, बुलंदशहर इंडस्ट्रियल एरिया शाखा (गाजियाबाद)
- M/s Radhika Enterprises, पतवाड़ी शाखा (गौतमबुद्धनगर)
सभी खातों में प्रवीन कुमार और सतेन्द्र सिंह ने अपनी फोटो लगाकर फर्जी केवाईसी दस्तावेजों के माध्यम से बैंक खाते खोले थे। पुलिस ने जांच में पाया कि इन खातों का उपयोग केवल जीएसटी रिफंड की राशि को गलत तरीके से प्राप्त करने और ट्रांजेक्शन को छिपाने के लिए किया गया। फर्जी दस्तावेजों में उपयोग किए गए सभी पहचान पत्र और पते पूरी तरह जाली पाए गए।
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपी तकनीकी रूप से दक्ष हैं और इनका नेटवर्क कई राज्यों में फैला है। वे संचार के लिए व्हाट्सएप कॉल और ईमेल का इस्तेमाल करते थे ताकि पुलिस की निगरानी से बच सकें। जांच में यह भी पता चला कि यह गिरोह हजारों करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी दस्तावेजों की कूटरचना के तहत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित कर दी गई हैं।
इस कार्रवाई से नोएडा पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है, क्योंकि यह गिरोह लंबे समय से फर्जी फर्मों के माध्यम से टैक्स चोरी की साजिश रच रहा था। पुलिस का कहना है कि इस तरह के साइबर-फाइनेंशियल अपराधों को रोकने के लिए बैंक और टैक्स विभागों को भी मिलकर निगरानी तंत्र को और मजबूत करना होगा।





