नाहन, नालागढ़, मोहाल और रोहड़ू में स्थापित होंगे नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र

नाहन, नालागढ़, मोहाल और रोहड़ू में स्थापित होंगे नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र
पशुपालकों को मोबाइल पर आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए मिल्कफैड तैयार कर रहा है नवीन प्रणाली
10 अगस्त, 2025
राज्य सरकार ने नाहन, नालागढ़, मोहाल एवं रोहड़ू में नए दूध प्रसंस्करण संयंत्र, जिला हमीरपुर के जलाड़ी में दूध शीतलन केंद्र और जिला ऊना के झलेड़ा में बल्क मिल्क कूलर स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के दूध एवं दूध प्रसंस्करण संबंधी अधोसंरचना का आधुनिकीकरण करना है। प्रदेश सरकार के इस कदम से किसानों की आय मंेे वृद्धि सहित ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है जो कृषि एवं पशुपालन पर पूर्णतः या आंशिक रूप से निर्भर है और पशुपालन क्षेत्र का विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नए संयंत्रों के स्थापित होने से दूध खरीद में वृद्धि होगी और पशुपालकों को दूध पर उचित दाम मिलेंगे। इसके साथ ही दूध खरीद के गुणवत्ता मानकों में भी वृद्धि होगी।
अपने कार्यों में दक्षता लाने एवं पारदर्शिता सुनिंिश्चत करने के लिए हिमाचल प्रदेश मिल्क फैडरेशन (मिल्कफैड) शीघ्र एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग प्रणाली की शुरुआत करेगी। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसान आवश्यक जानकारी को सीधे अपने मोबाइल फोन पर देख सकेंगे, जिसमें दूध खरीद की रियल टाइम अपडेट, पैमेंट स्टेटस, गुणवत्ता जांच के रिजल्ट व खरीद मूल्य शामिल हैं। एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग प्रणाली के तहत सभी लेनदेन डिजिटल होंगे जिससे मानव त्रुटियांे की संभावनाएं कम होंगी। पशुपालकों को दूध विक्रय और प्राप्त दाम की सूचना उनके मोबाइल पर वास्तविक समय में प्राप्त होगी। डिजिटल माध्यम से दूध खरीद का डाटा उपलब्ध होने से बिल तैयार करने में तेज़ी आएगी, जिससे पशुपालकों के बैंक खातों में पैसों का प्रत्यक्ष हस्तांतरण भी सुलभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप मिल्कफैड द्वारा दूध खरीद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है तथा दूध एकत्रीकरण की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।
जिला कांगड़ा के ढगवार में अत्याधुनिक दूध प्रसंस्करण संयंत्र का निर्माण कार्य प्रगति पर है और इसके संचालन के पश्चात इस संयंत्र में दही, लस्सी, बटर, घी, पनीर, फ्लेवर्ड दूध, खोया और मॉज़रेला चीज़ का उत्पादन होगा। इससे पशुपालकों और डेयरी क्षेत्र से जुड़े लोगों को उनके उत्पादों के उचित दाम सुनिश्ति होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन क्षेत्र और डेयरी संबंधी अधोसंरचनाओं में सतत् निवेश के माध्यम से ग्रामीण लोगों की आजीविका के स्तर में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हिमाचल प्रदेश दूध खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला प्रदेश का पहला राज्य बना है। प्रदेश सरकार पशुपालकों से गाय का दूध 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 61 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद रही है। ऐसे पशुपालक एवं समितियां जो कि अधिसूचित क्रय केंद्रों तक दूध पहुुंचाने के लिए दो किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हैं उन्हें प्रदेश सरकार दो रुपये प्रतिलीटर की दर से परिवहन अनुदान प्रदान कर रही है।