
नई दिल्ली, 4 अप्रैल : आयुष में अनुसंधान और शैक्षणिक कार्यों को वैश्विक स्तर पर सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 50 विदेशी संस्थानों के साथ संस्थान-दर-संस्थान समझौता किया है। यह जानकारी केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
इस पहल के तहत अमेरिका, इंग्लैंड, इजराइल और चेक गणराज्य सहित विभिन्न देशों के 50 विश्वविद्यालयों में आयुष चेयर स्थापित की जाएंगी। इन शैक्षिक चेयर के माध्यम से आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों (आयुष) को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिल सकेगा। हाल ही में आयुष मंत्रालय ने बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, लातविया और मलेशिया में आयुष अकादमिक चेयर स्थापित की हैं। ये कुर्सियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने की भारतीय रणनीति का व्यापक हिस्सा हैं।
समझौते के तहत विदेशी विश्वविद्यालय में आयुष चिकित्सा पद्धति से संबंधित शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियां संचालित की जाएंगी। विश्वविद्यालय की आवश्यकता और भारत में आयुष शिक्षा दिशानिर्देशों के अनुसार लघु अवधि या मध्यम अवधि के पाठ्यक्रमों के डिजाइन को अंतिम रूप दिया जाएगा। वर्ष में कम से कम 2 सार्वजनिक व्याख्यान होंगे, जिन्हें आयुष व्याख्यान कहा जाएगा।