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नई दिल्ली: वायु प्रदूषण के चलते सांस रोगों में इजाफा 

नई दिल्ली: -गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा रोगी संकट में

नई दिल्ली, 22 अक्तूबर : दिल्ली -एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में दिन -प्रतिदिन गिरावट आने के साथ सांस रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसके चलते निजी और सार्वजनिक अस्पतालों में खांसी, नाक बहने, आंखों में जलन होने और सांस लेने में दिक्कत होने जैसे रोगों से संबंधित ओपीडी भरी नजर आ रही हैं।

जीटीबी अस्पताल के एएमएस डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ प्रतिवर्ष सांस संबंधी रोगों में इजाफा होता है। इसके लिए हवा के बहाव में कमी और आतिशबाजी से उत्पन्न प्रदूषक तत्व जिम्मेदार हैं। अगर हवा का बहाव सही हो जाए तो काफी हद तक स्थिति में सुधार आ सकता है। उन्होंने बताया कि अभी अस्पताल में खांसी, सांस फूलना, बलगम बनना, थकावट, अस्थमा और सीओपीडी वाले मरीज आ रहे हैं। इस माहौल में बीड़ी, सिगरेट और हुक्के का सेवन स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम साबित हो सकता है।

सफदरजंग अस्पताल के पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. रोहित कुमार के मुताबिक फिलहाल, जो मरीज आ रहे हैं उनमें क्रॉनिक डिजीज वाले, रोज इनहेलर लेने वाले और नियमित रूप से सांस संबंधी दवा लेने वाले मरीजों के साथ गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत होने जैसे लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा हृदय व फेफड़ों की समस्या के साथ भी मरीज आ रहे हैं। डॉ. कुमार ने कहा, अगले एक दो दिन में मरीजों की संख्या और बढ़ेगी चूंकि दिवाली पर आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण का असर दो -तीन दिन बाद सामने आता है।

कलावती सरन बाल चिकित्सालय के बाल-श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. कमल कुमार सिंघल का कहना है कि फसल कटाई का मौसम चल रहा है। इसकी वजह से पराग कण हवा में तैर रहे हैं जिनसे सांस लेने में दिक्कत होने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा ब्रोंकाइटिस, सांस रोगों के संक्रमण के मामले भी सामने आ रहे हैं जो नवम्बर माह में ठण्ड बढ़ने के साथ और ज्यादा बढ़ सकते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों और सभी आयु वर्ग के लोगों को घर से बाहर जाते समय एन 95 क्वालिटी वाले मास्क पहनने चाहिए। यह पीएम 10 और पीएम 2.5 से बचाव में कारगर है।

भीड़ से बचें-हाइड्रेट रहें
भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। सभी आयु वर्ग के लोग संतुलित आहार लें और पानी ज्यादा मात्रा में पिएं।

घर में लगाएं ऑक्सीजन वाले प्लांट
बाजार में ऐसे अनेक इनडोर प्लांट या पौधे उपलब्ध हैं जो अच्छी खासी मात्रा में ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं और प्रदूषित वायु वाले माहौल को सुविधाजनक बनाते हैं। इससे घर में रहने वाले लोगों खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को फायदा होगा।

क्या करें स्कूली बच्चे?
प्रदूषित वायु से बच्चों को स्वास्थ्य समस्या पेश आ सकती है। उन्हें सांस लेने में परेशानी, खांसी और दमा की शिकायत हो सकती है। ऐसे में उन्हें सुबह और शाम के समय खेलने से बचना चाहिए। फिलहाल इनडोर गेम्स पर ध्यान दें। दौड़ भाग कम करें। अगर सांस संबंधी दिक्कत पेश आएं तो इनहेलर का प्रयोग करें।

बुजुर्ग कैसे रखें सेहत का ख्याल?
प्रदूषण के दौरान बुजुर्गों को अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए। उन्हें सूर्योदय के समय और सूर्यास्त के बाद घूमने – फिरने, टहलने आदि से बचना चाहिए। इस समय प्रदूषण का स्तर चरम पर होता है जो उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। जितना संभव हो सके घर में ही रहें

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