
नई दिल्ली, 27 जुलाई: अगर आप शराब और सिगरेट का सेवन करते हैं और आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। ये एक घातक कॉम्बो है जिसके नियमित सेवन से आप 7 प्रकार के कैंसर से ग्रस्त हो सकते हैं, इसलिए आपको कैंसर स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए। ताकि यथोचित स्वास्थ्य देखभाल शुरू हो सके।
यह जानकारी एम्स दिल्ली के डॉ. बीआर आंबेडकर इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक शंकर, डॉ. वैभव साहनी और डॉ. दीपक सैनी के शोधपत्र से मिली है। ‘भारत में कैंसर की चेतावनी वाले लेबल के माध्यम से व्यवहार में बदलाव’ शीर्षक से ‘फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ’ में प्रकाशित शोध पत्र के मुताबिक कैंसर संबंधी चेतावनी वाले लेबल का जनता पर प्रभाव पड़ता है। यह ऐसे उत्पादों का उपभोग करने वाले लोगों के व्यवहार को बड़ी संख्या में बदल रहा है।
डॉ. शंकर ने कहा, तंबाकू की तरह, शराब भी एक सिद्ध कैंसरकारी तत्व है जो कम से कम सात कैंसरों से जुड़ा है। हालांकि, शराब पीने से लिवर खराब होने की बात लगभग सभी जानते हैं। लेकिन शराब पीने से कैंसर जैसे जानलेवा रोग भी हो सकते हैं। ये बात कम ही लोग जानते हैं। ऐसे में शराब की बोतल पर कैंसर जैसे खतरनाक रोग होने की जानकारी देकर लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण के मुताबिक सिगरेट के पैकेट पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनियों ने सिगरेट पीने की इच्छा पर 50 प्रतिशत अधिक प्रभाव दर्शाया है।
डॉ. शंकर के मुताबिक शराब के लेबल पर नकारात्मक संदेश की जगह पॉजिटिव संदेश छापा जाए तो बेहतर परिणाम मिल सकेंगे। लेबल पर छपा हो कि ‘शराब का सेवन करने के बाद कैंसर स्क्रीनिंग जरूर कराएं।’ इससे लोगों, खासकर युवाओं में शराब के बढ़ते इस्तेमाल में कमी लाई जा सकेगी। चूंकि अधिकांश लोग किशोरावस्था में ही शराब सहित अन्य मादक पदार्थों के सेवन संबंधी व्यवहार की शुरुआत करते हैं। लिहाजा, अब समय आ गया है कि ऐसे कैंसरों को रोकने और बहुमूल्य मानव जीवन की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाए जाएं।
उन्होंने बताया, जनवरी 2025 में अमेरिकी सर्जन जनरल की ओर से जारी सलाह में बताया गया था कि शराब के सेवन से कम से कम सात प्रकार के कैंसर (कोलन या मलाशय, यकृत, स्तन, आहार नली, कंठ, ग्रसनी और मुख) विकसित होने का जोखिम स्पष्ट रूप से बढ़ जाता है। डॉ. शंकर ने आगे कहा, 2012 से 2022 की अवधि के कैंसर संबंधी आंकड़ों (10.1 लाख से 13.8 लाख) को देखें तो भारत में कैंसर के मामलों में 36% की भारी वृद्धि होने की जानकारी मिलती है। ग्लोबोकैन 2020 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रति 1,00,000 लोगों पर शराब के सेवन से कैंसर होने की दर 4.7 प्रतिशत है।
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