
नई दिल्ली, 2 सितंबर : नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए एम्स का आरपी सेंटर एक मोबाइल ऐप विकसित कर रहा है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति नेत्रदान के लिए अपने नजदीकी नेत्र बैंक का पता लगा सकेगा। इसके अलावा राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन की टोल फ्री हेल्पलाइन 1800-11-4770 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नम्रता शर्मा ने बताया कि नेत्रहीनता के मामले में बड़े ही नहीं छोटे बच्चों के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं जिसके पीछे असावधानी एक बड़ा कारण है। अक्सर छोटे बच्चे खेल-खेल में नुकीली चीज (पेन, पेंसिल, प्रकार या कम्पास) अपनी आंख में या दूसरे की आंख में मार देते हैं। जिससे चोटिल शख्स की आंख की रोशनी चली जाती है। ऐसे में बच्चों को कैंची, चाकू, चूना और केमिकल जैसी चीजें बच्चों की पहुंच से दूर रखनी चाहिए।
इसके अलावा कंजक्टिवाइटिस इंफेक्शन होने और आंख में कंकड़ गिरने पर आंख को रगड़ने के बाद स्टेरॉयड वाली दवा का इस्तेमाल करना भी नेत्रहीनता की वजह बन सकता है। नेशनल आई बैंक के प्रभारी डॉ. राजेश सिन्हा ने बताया कि जनवरी से जुलाई 2024 और जनवरी से जुलाई 2025 के आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि इस अवधि में 150-200 लोगों ने ज्यादा नेत्रदान किया है। यानि नेत्रदान की संख्या में धीरे -धीरे ही सही मगर इजाफा हो रहा है। उन्होंने कहा, अगर एक व्यक्ति नेत्रदान करता है तो दो से छह लोगों को लाभ मिल सकता है।