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नई दिल्ली: मनोहर तोहफा : दिव्यांगों को सरकारी आवास आवंटन में मिलेगा चार प्रतिशत आरक्षण

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने में दिव्यांगजनों की बढ़ेगी भूमिका

नई दिल्ली, 22 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिव्यांगजनों के सम्मान और स्वाभिमान के लिए संकल्पबद्ध हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने में केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने आवासीय पूल में दिव्यांगजनों को चार प्रतिशत आरक्षण का मनोहर तोहफा दिया है, जोकि दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने में सबसे महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल के दिव्यांगजनों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले से दिव्यांगों की प्रधानमंत्री के विकसित भारत-2047 के संकल्प में भागीदारी बढ़ेगी। साथ ही, दिव्यांगजनों को केंद्र सरकार के आवासीय पूल में सुगमता के साथ आवास मुहैया होंगे।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का कहना है कि आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से दिव्यांगों के लिए समावेशी समाज बनाने की पहल की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ-सबका विकास संकल्प को सिद्धी तक पहुंचाते हुए सुगम्य भारत अभियान के तहत नागरिकों को समाज अवसर की प्रतिबद्धता को लेकर चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम-2016 के अनुरूप आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और संपदा निदेशालय की ओर से इस बारे परिपत्र जारी कर दिया गया है। अब दिव्यांगों को केंद्र सरकार की आवासीय सुविधाएं मिलने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, चार प्रतिशत आरक्षण के चलते दिव्यांगों को केंद्रीय आवासीय पूल में सुगमता के साथ आवास उपलब्धता बढ़ेगी।
जीपीआरए के आवंटन में दिव्यांगों को मिलेगी प्राथमिकता
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के इस महत्वपूर्ण फैसले से दिव्यांगजनों को जीपीआरए (जनरल पूल रेजिडेंशियल अकोमोडेशन) में प्राथमिकता मिलेगी। जोकि सामान्य पूल में प्रत्येक प्रकार (केवल टाइप-V तक, छात्रावास सहित) में एक महीने में उपलब्ध रिक्तियां का चार प्रतिशत होगी। पात्र दिव्यांग आवेदको प्रारंभिक आवंटन/जीपीआरए में परिवर्तन दोनों के लिए एकीकृत प्रतीक्षा सूची में प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि सरकार द्वारा जारी किया गया विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र (यूडीआईडी) कार्ड विकलांगता के प्रमाण के लिए एक वैध दस्तावेज होगा। हालांकि चार प्रतिशत से कम के आवंटन स्वचालित आवंटन प्रणाली (एएसए) के माध्यम से किए जाएंगे, जिसके लिए पात्र दिव्यांग आवेदकों को हर महीने ई-सम्पदा वेबसाइट पर बोली लगानी होगी। पंजीकृत आवेदक अपना यूडीआईडी कार्ड ई-सम्पदा वेबसाइट पर अपलोड करके अपना प्रोफाइल अपडेट करेंगे, जिसे उनके प्रशासनिक मंत्रालय/विभाग द्वारा संपदा निदेशालय को आवेदन भेजते समय सत्यापित किया जाएगा।

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