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नई दिल्ली: हार्ट ट्रांसप्लांट : लड़की के सीने में धड़केगा लड़के का दिल 

नई दिल्ली: -24 वर्षीय युवक के ब्रेनडेड होने के बाद परिजनों ने डोनेट किया दिल

नई दिल्ली, 13 जुलाई : हार्ट और किडनी के ट्रांसप्लांट से लेकर शरीर के कटे अंगों को जोड़ने की सर्जरी तक के मामले में केंद्र सरकार के अस्पताल निरंतर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के विशेषज्ञों ने एक बार फिर हार्ट ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को सफल बनाने में कामयाबी हासिल की है।

दरअसल, मूलतः यूपी के शामली इलाके की रहने वाली फातिमा (26 वर्ष) डायलेटेड कार्डियोमायोपैथी जैसे गंभीर ह्रदय रोग से पीड़ित थी। इस रोग के चलते वह सांस फूलने और काम -काज करने में काफी दिक्कत महसूस कर रही थी। वह आरएमएल अस्पताल में इलाज करवा रही थी जहां कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने उसे हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह दी और ह्रदय आवंटन के लिए एनओटीटीओ में पंजीकरण करा दिया। हालांकि लड़की को पेसमेकर भी लगा था।

हार्ट ट्रांसप्लांट की जिम्मेदारी आरएमएल के कार्डियो थोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के प्रमुख डॉ. विजय ग्रोवर को सौंपी गई जो इससे पहले दो हार्ट के सफल ट्रांसप्लांट कर चुके हैं। डॉ. ग्रोवर ने बताया कि एनओटीटीओ ने एक हार्ट महिला मरीज को आवंटित कर दिया जो चंडीगढ़ में ब्रेनडेड युवक (24 वर्ष) के परिजनों ने डोनेट किया था। शुक्रवार की रात ही डॉक्टरों की एक टीम चंडीगढ़ भेजी गई। डॉ. पलाश अय्यर की टीम ने सुबह 4 बजे तक हार्ट को रिट्रीव कर लिया और पौने छह बजे हार्ट को दिल्ली ले आई।

डॉ. ग्रोवर ने बताया कि इस बीच मरीज को ओटी बेड पर सर्जरी के लिए तैयार रखा गया ताकि हार्ट के अस्पताल पहुंचते ही ट्रांसप्लांट प्रक्रिया तुरंत शुरू की जा सके। चूंकि रिट्रीव किए गए हार्ट को अगले 4 घंटे में, यानि सुबह 8 बजे तक ट्रांसप्लांट किया जाना जरुरी था। अन्यथा हार्ट की फंक्शनिंग पर असर पड़ सकता था। सुबह छह बजे शुरू की गई सर्जरी साढ़े सात बजे संपन्न हो गई। मरीज को आईसीयू से शाम को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। अब उसकी हालत स्थिर है। वह सामान्य रूप से खा-पी रही है।

चुनौती पूर्ण हार्ट ट्रांसप्लांट को टीम ने बनाया आसान
अब तक करीब 3 हार्ट ट्रांसप्लांट कर चुके डॉ. विजय ग्रोवर ने कहा, शनिवार को संपन्न हार्ट ट्रांसप्लांट अकेले व्यक्ति की वजह से नहीं हुआ है। इसमें आरएमएल अस्पताल की पूरी टीम शामिल है जिसमें सीटीवीएस के डॉ. नरेंद्र सिंह झांझरिया, कार्डियोलॉजी के डॉ रंजीत नाथ, डॉ. पुनीत अग्रवाल और डॉ. शिवानी राव के साथ कार्डियक एनेस्थीसिया के डॉ. जसविंदर कौर, डॉ. रोहन और डॉ. तान्या मित्तल के अलावा एसएन वलसाला, एसएन श्रीजा और सुमेर सिंह भी शामिल थे। वहीं, चंडीगढ़ पुलिस और दिल्ली पुलिस ने भी ग्रीन कॉरिडोर के जरिये हार्ट ट्रांसप्लांट प्रक्रिया में अपना योगदान दिया।

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