
नई दिल्ली, 7 मई : आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के मद्देनजर बुधवार को राजधानी दिल्ली के तमाम सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई।
इस दौरान राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लोकनायक अस्पताल समेत कई निजी अस्पतालों में अग्नि, पानी व भूकंप संबंधी आपदाओं और बम विस्फोट से पीड़ित लोगों की निकासी और उपचार का अभ्यास किया गया। आरएमएल अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. अमलेन्दु यादव ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान बम विस्फोट से घायल 15-20 पीड़ितों के साथ अग्निकांड में सामूहिक रूप से घायल पीड़ितों का परिदृश्य तैयार किया गया जिसमें घायलों को तुरंत इलाज, दवा और अन्य जरुरी चीजें उपलब्ध कराई गई।
इस दौरान तत्काल मल्टीस्पेशलिटी समन्वय की आवश्यकता वाली चोटों की एक श्रृंखला का भी प्रदर्शन किया गया। जिसमें चिकित्सा, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरोसर्जरी, बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन और रेडियोडायग्नोसिस विभाग ने भागीदारी की। इस नकली अभ्यास के दौरान पीड़ितों के सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन सहित आपातकालीन इमेजिंग सेवा से संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही नेत्र विज्ञान, फोरेंसिक मेडिसिन और ब्लड बैंक सेवाओं को शामिल किया गया।
आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार
सफदरजंग अस्पताल के डॉ संदीप बंसल के मुताबिक सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर अस्पताल की मेडिकल टीम ने मॉक ड्रिल के जरिए सभी जरूरी तैयारियों जैसे इमरजेंसी रिस्पांस और मरीजों की देखभाल की पूरी प्रक्रिया का अभ्यास कर लिया है। ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत और सही तरीके से काम किया जा सके। ब्लैकआउट जैसी स्थिति आती है तो अस्पताल में सभी खिड़कियों पर पर्दे डाल दिए जाएंगे, बाहर की लाइटें बंद कर दी जाएंगी और साइन बोर्ड को ढक दिया जाएगा। उन्होंने साफ किया कि ऐसी स्थिति में भी इमरजेंसी सेवाएं बिल्कुल बाधित नहीं होगी और मरीजों को पूरी तरह इलाज मिलता रहेगा।
जनहानि को रोकने का काम करती हैं मॉक ड्रिल
फोर्टिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ प्रवीण गुप्ता ने कहा, यह मॉक ड्रिल सिर्फ एक तैयारी का हिस्सा है। लोगों को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मॉक ड्रिल न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का काम करती हैं, बल्कि आपात स्थिति में जनता की सेहत और सुरक्षा बनाए रखने में स्वास्थ्य सेवाओं की अहम भूमिका को भी उजागर करती हैं।
आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल पर किया अभ्यास
लोकनायक अस्पताल के डॉ बीएल चौधरी ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान आपातकालीन विभाग में प्रमुख कर्मियों की वास्तविक समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की गई। निर्दिष्ट ट्राइएज, स्थिरीकरण, पुनर्जीवन और इमेजिंग वर्कफ़्लो सक्रिय रहे। सभी भाग लेने वाली इकाइयों ने आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुसार नैदानिक आवश्यकताओं और वर्कफ्लो रुकावटों का जवाब दिया। इस दौरान वास्तविक जीवन में होने वाली सामूहिक दुर्घटनाओं से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों के समन्वय और समय पर भागीदारी को सुनिश्चित किया गया।
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