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Delhi News : भारत का गंभीर तूफ़ान, आतंकी देश पाकिस्तान पर मोदी की लोकतांत्रिक जवाबी कार्रवाई, रणनीतिक सोच और लोकतांत्रिक ताकत का नया प्रतीक बन चुका भारत

आज का भारत रणनीतिक सोच और लोकतांत्रिक ताकत का नया प्रतीक बन चुका है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व...

Delhi News : (अनिल सिंह) आज का भारत रणनीतिक सोच और लोकतांत्रिक ताकत का नया प्रतीक बन चुका है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। हालिया घटनाक्रमों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब पाकिस्तान की आतंकवाद नीति का केवल प्रतीकात्मक नहीं बल्कि निर्णायक और वास्तविक बदला लेने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों को पूर्ण परिचालनिक स्वतंत्रता प्रदान की है और यह घोषणा की है कि वे समय, स्थान और तरीका स्वयं तय करें, यह तय करने में अब राजनीति हस्तक्षेप नहीं करेगी। ये सब बातें लेखक डॉ. अनिल सिंह द्वारा कही गई है।

निर्णायक और प्रभावशाली हो

उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व निर्णय भारत की रणनीति में एक बड़े परिवर्तन को दर्शाता है। भारत अब केवल आत्मरक्षा में विश्वास नहीं करता, बल्कि उसने यह सुनिश्चित कर लिया है कि आतंक के विरुद्ध कार्रवाई ठोस, निर्णायक और प्रभावशाली हो। इस बार सशस्त्र बलों को आवश्यकता पड़ने पर क्षेत्रीय क्षेत्रों पर कब्जा करने का भी निर्देश है, ताकि यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि भारत की कार्रवाई मात्र प्रतिकात्मक नहीं बल्कि वास्तविक और स्थायी है। प्रधानमंत्री मोदी की यह रणनीतिक सोच उस नए भारत की पहचान है जो दृढ़ता, रणनीतिक अस्पष्टता और लोकतांत्रिक शक्ति का मेल है। इस सोच से न केवल पाकिस्तान बल्कि उसके आतंकी संरचनाओं में भी अनिश्चितता पैदा हुई है।

पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ा आतंकी राज्य

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन की नीति ने उसे वैश्विक स्तर पर लगभग पूरी तरह अलग-थलग कर दिया है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे सूची में होना, आर्थिक सहयोग का ह्रास और आंतरिक अस्थिरता ने उसे एक विफल राज्य की स्थिति में ला दिया है। भारत ने इसका लाभ उठाकर कूटनीतिक और रणनीतिक स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। जिसमें सीमावर्ती लक्षित हमले, साइबर हमले, खुफिया तालमेल और आर्थिक अलगाव जैसी कार्रवाइयां शामिल हैं।

लोकतंत्र का प्रहार, रणनीतिक स्पष्टता

लेखक डॉ. अनिल सिंह कहते है भारत की यह नई नीति केवल प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक जवाबदेही के साथ की जा रही रणनीतिक योजना है। “प्रधानमंत्री भारतीय राजनीति में विमर्श” नामक मेरी हाल ही में लॉन्च की गई पुस्तक (जिसका विमोचन अप्रैल 2025 में प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय में हुआ था) में इसी नए भारत का उल्लेख किया है, जहां प्रधानमंत्री मोदी जैसे नेता राष्ट्र को पहले रखते हैं और कड़ी निर्णयात्मक कार्रवाई में विश्वास करते हैं। इस कार्यक्रम में अनेक सांसद, विद्वान और वरिष्ठ नौकरशाह उपस्थित रहे, जिससे यह सिद्ध होता है कि भारत एक निर्णायक युग में प्रवेश कर चुका है।यही वह भारत है जिसकी रक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आवाज़ पूरे देश के जन-मन की भावना को स्वर देती है। “शपथ मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं मिटने दूंगा।” यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि भारत की नई रणनीतिक चेतना का प्रतीक है।

भारत के पक्ष में वैश्विक ध्रुवीकरण

उन्होंने कहा आज विश्व भारत के साथ खड़ा है। अमेरिका भारत के आत्मरक्षा अधिकार का समर्थन करता है। यूरोपीय देश विशेषकर फ्रांस, ने पाकिस्तान आधारित आतंकी फंडिंग पर कार्रवाई की है।रूस भले ही चीन से घनिष्ठ संबंध हों, लेकिन भारत के आतंक-विरोधी रुख को समर्थन देता है। मध्य पूर्व सऊदी अरब और यूएई जैसे पाकिस्तान समर्थक देश अब भारत के रणनीतिक साझेदार बन चुके हैंलेकिन पाकिस्तान को आज केवल चीन और तुर्की जैसे सीमित देशों से ही समर्थन प्राप्त है।

विकासशील भारत बनाम जर्जर पाकिस्तान

उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान को CPEC जैसे रणनीतिक कारणों से समर्थन देता है, लेकिन बलूचिस्तान की अस्थिरता और चीन की आतंकी चिंताओं के चलते यह समर्थन कमजोर पड़ रहा है। तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगन के नेतृत्व में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता है, लेकिन उसकी क्षेत्रीय प्रभावशीलता सीमित है। भारत की शक्ति केवल सैन्य नहीं है, बल्कि यह विकास और नवाचार का भी प्रतीक बन चुका है।

जवाबी कार्रवाई में जमीन पर कब्जा आवश्यक

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत की सैन्य कार्रवाई केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण हो। सशस्त्र बलों को सीमा पार के चुनिंदा क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करना चाहिए ताकि यह दिखाया जा सके कि आतंक का समर्थन करने की कीमत चुकानी पड़ेगी वो भी ज़मीन खोकर।लेखक लिखते है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सशस्त्र बलों को दी गई स्वतंत्रता भारत की परिपक्व लोकतांत्रिक सोच, रणनीतिक दृष्टिकोण और आत्मविश्वास को दर्शाती है। यह नीति पाकिस्तान की आतंकी संरचना को नष्ट करने के साथ-साथ भारत की भू-राजनीतिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है।

आगे की राह रणनीतिक सुझाव

1. क्षेत्रीय प्रतिरोध का सिद्धांत स्थापित करें, सीमा पार कार्रवाई को रणनीतिक सिद्धांत का हिस्सा बनाएं।

2. भीतरी सुरक्षा मज़बूत करें, राज्य और केंद्र की एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाएं।

3. वैश्विक कूटनीतिक आक्रामकता बनाए रखें, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने की प्रक्रिया तेज़ करें।

4. आतंकी वित्त पोषण को समाप्त करें, FATF के माध्यम से पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने के प्रयास करें।

5. विकास और लोकतंत्र की कथा को फैलाएं, दुनिया को दिखाएं कि भारत विकास और न्याय का उदाहरण है।

6. प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत और स्पष्ट नेतृत्व में भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि खेल के नियम ही बदल रहा है। यह एक ऐसा युग है जिसमें आतंक का समर्थन करने वालों को न केवल जवाब मिलेगा, बल्कि ठोस परिणाम भी भुगतने होंगे।

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