गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के देहरादून परिसर के हिंदी विभाग द्वारा समाचार लेखन एवं रिपोर्टिंग विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रो. हेमन पाठक ने कहा कि आज सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में पत्रकारिता का क्षेत्र इतना वृहत हो चुका है कि हम कोई भी सूचना या अपनी बात दूसरों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं तथा सोशल मीडिया अथवा न्यू मीडिया ने आने वाली युवा पीढ़ी के लिए नई संभावनाओं को जन्म दिया है। कार्यक्रम की आयोजक एवं संचालक डॉ. निशा यादव ने छात्राओं को गुरुकुल कांगड़ी का पत्रकारिता में जो योगदान रहा उस पर संक्षिप्त जानकारी दी।दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस पर टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व ब्यूरो प्रमुख एवं वरिष्ठ पत्रकार योगेश कुमार ने समाचार लेखन के प्रमुख सिद्धांतों, रिपोर्टिंग के प्रमुख प्रकारों एवं पत्रकारिता से जुड़ी शब्दावली जैसे डेट लाइन, बाई लाइन, प्रिंट लाइन, फीचर और संपादकीय से छात्राओं को अवगत कराया। साथ ही उन्होंने खबर में तथ्यों के महत्त्व से जुड़ी जानकारी छात्राओं से साझा की। रोजगार की दृष्टि से महिलाओं के लिए पत्रकारिता जैसे क्षेत्र में क्या संभावनाएं हो सकती हैं इस विषय पर भी प्रकाश डाला गया। कार्यशाला के दूसरे दिन हिंदुस्तान समाचार – पत्र के मुख्य उप – संपादक ठाकुर सिंह नेगी ने छात्राओं को न्यू मीडिया/ सोशल मीडिया की लेखन शैली, उद्देश्य एवं आचार संहिता से संबंधी जानकारी देने के साथ – साथ इंस्टाग्राम, फेसबुक व यू ट्यूब अकाउंट क्रिएट करना भी सिखाया। व्लॉग एवं ब्लॉग के अंतर को स्पष्ट करते हुए यह भी बताया कि डिजिटल कॉन्टेंट क्या है? और एक सफल डिजिटल कंटेंट क्रिएटर कैसे बन सकते हैं।
पॉडकास्ट, हैशटैग, कॉल टू एक्शन जैसे शब्दों के साथ ही डिजिटल कंटेंट क्रिएट करने संबंधी आवश्यक संसाधनों का प्रायोगिक अभ्यास भी कार्यशाला में कराया गया। इसके साथ ही विशिष्ट वक्ता नेगी ने बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के सकारात्मक पक्ष के साथ ही कुछ नकारात्मक पक्ष जैसे डिजिटल अरेस्ट व डिजिटल फ्रॉड को लेकर हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। कार्यशाला में शोधार्थियों के साथ ही छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रो. रेणु शुक्ला, प्रो. प्रवीणा चतुर्वेदी, प्रो. नीना गुप्ता, डॉ निशा यादव, डॉ सविता, डॉ रीना, डॉ बबिता, डॉ, अर्चना डिमरी, डॉ. अंजुलता श्रीवास्तव, डॉ. रचना पांडेय, डॉ. रचना चौहान उपस्थित रहे।